यूपी : 1195 श्रमिकों को लेकर बरेली जंक्शन पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन
शनिवार की सुबह 7:43 बजे श्रमिक स्पेशल गुजरात से 1195 श्रमिकों को लेकर बरेली जंक्शन पहुंची। यह स्पेशल भी अन्य दो श्रमिक स्पेशल की तरह ही लेट आई। 1:43 घंटे लेट हो गई। हालांकि पहले से ही जिला प्रशासन और रेल प्रशासन ने व्यवस्थाओं को बना लिया था। जिससे श्रमिकों को थर्मल और बसों में बैठाने के लिए कोई दिक्कत न हो। श्रमिकों की थर्मल स्क्रीन कराने के बाद उनको खाने पीने की वस्तुओं दी गईं।
तीसरी श्रमिक स्पेशल गुजरात के पालनपुर स्टेशन से शुक्रवार की शाम को रवाना हुई थी। शनिवार की सुबह 7:43 बजे बरेली जंक्शन पहुंची। 22 कोच वाली श्रमिक स्पेशल में 1195 श्रमिक थे, जो बरेली, बदायूं, कासगंज, लखीमपुर खीरी आदि जिलों के थे। सबसे अधिक श्रमिक कासगंज और बदायूं के थे। बरेली जिले के 144 श्रमिक थे। श्रमिकों को भेजने के लिए परिवहन निगम की ओर से 46 बसों की व्यवस्था की गई। जिससे श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाया जा सके।
डीएम नेतृत्व में एडीएम सिटी 6:00 बजे ही बरेली जंक्शन पहुंच गए। थर्मल स्क्रीनिंग और बसों की व्यवस्था का निरीक्षण किया इसके बाद संबंधित कर्मचारियों को निर्देश दिए कि जहां जिसकी ड्यूटी है वहीं पर मौजूद रहेगा। एक- एक श्रमिक की थर्मल स्क्रीनिंग होगी उसके बाद ही श्रमिकों जंक्शन से बाहर लाया जाएगा। आरपीएफ- जीआरपी ने श्रमिकों को कोच से बाहर निकाला। जिला प्रशासन ने श्रमिकों को भोजन की व्यवस्था कराई। बिथरी विधायक राजेश मिश्रा पप्पू भरतौल ने पानी और बिस्कुट-नमकीन की व्यवस्था श्रमिकों को कराई। पानी और नमकीन श्रमिकों को स्वयं वितरण कराया।
अब तक बरेली में तीन श्रमिक स्पेशल आईं
लॉकडाउन में फंसे दूसरे राज्यों से श्रमिकों को अब तक तीन श्रमिक स्पेशल से बरेली लाया जा चुका है। सबसे पहली ट्रेन गुजरात के साबरमती स्टेशन से आई थी जिसमें 1216 श्रमिक थे। दूसरी स्पेशल पंजाब के लुधियाना स्टेशन से 998 श्रमिक लाए गए। शनिवार को तीसरी स्पेशल गुजरात के पालनपुर आई, इसमें 1195 श्रमिक थे।
फ्री पहुंचे श्रमिक अपने घर
रेल प्रशासन की ओर से सभी श्रमिकों को पालनपुर से बरेली तक फ्री में लाया गया। ₹490 का टिकट खरीदकर पालनपुर स्टेशन पर ही कोच में बैठते समय प्रति एक यात्री को दिया गया था। श्रमिकों को रास्ते में कहीं खाने पीने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। बरेली जंक्शन आने पर उनके लिए खाने पीने के लिए पैकेट दिए गए।