अनसुलझी रह गई बेलीपार के हीरा की मौत की गुत्थी ,
• KESHARI NEWS24 Thu, 14 May 2020 00:29 AM•
बेलीपार के कटया निवासी हीरा यादव की मौत की गुत्थी अनसुलझी ही रह गई। मुम्बई से लौटते समय हीरा की मौत ट्रक में हो गई थी। बगैर पोस्टमार्टम व कोरोना जांच कराए 10 मई को पुलिस ने राजघाट में उनका अंतिम संस्कार करा दिया था। उनके साथ मुंबई से लौटने वाले दो युवक कोरोना पॉजिटिव निकले हैं।
हीरा पेंट-पॉलिश का काम करते थे। बीते पांच मार्च को वह मुम्बई गए थे। सांताक्रुज में काम मिल गया था। उनके साथ गांव के ही चार युवक जुड़ गए थे। कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन के कारण काम ठप हो गया। धीरे-धीरे बचत और जमा पूंजी भी खर्च होने लगी। सात मई को हीरा ने गांव के चार युवकों के साथ पैदल ही गोरखपुर की राह पकड़ ली।
साथी बताते हैं कि हीरा की तबीयत रास्ते में ही बिगड़ने लगी। कल्याण से पिकअप चालक ने नासिक तक पहुंचाया। नासिक में ट्रक चालक ने सहारा दिया। नासिक से उन्नाव के बीच झांसी के पास हीरा की तबीयत बिगड़ गई और वह अचेत हुए। जब तक कोई मदद मिलती उनकी मौत हो गई। साथ में मौजूद चारों साथी मौत की वजह न समझ सके। वे हीरा का शव लेकर उन्नाव पहुंचे फिर वहां से एम्बुलेंस से गोरखपुर। सहजनवा में बेलीपार पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस अपनी सुरक्षा में उन्हें लेकर राजघाट पहुंची। यहां एंबुलेंस से घाट तक शव को कंधा चारों युवकों ने ही दिया। यहीं छोटे बेटे ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान परिवारीजनों के साथ ही गांव से भी दो दर्जन लोग पहुंचे थे
पुलिस ने नहीं कराई जांच
उन्होंने हीरा के शव की कोरोना जांच नहीं कराई। हालांकि अंतिम संस्कार के दौरान स्वास्थ विभाग की टीम मौजूद रही। अंतिम संस्कार के दौरान कोरोना संक्रमण में बरते जाने वाले प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। कोई भी व्यक्ति पीपी किट नहीं पहने था।
बोले थानेदार
सहजनवा में एम्बुलेंस को रोका गया। वहां से राजघाट लाया गया। ग्रामीणों ने पहले से ही अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां बिछवा रखी थी। साथ मौजूद चारों युवकों ने ही कंधा दिया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। शव के लार का नमूना नहीं लिया गया। यह काम स्वास्थ्य विभाग का था। विभाग की टीम मौजूद रही। मेरे साथ हमराही व एक दरोगा मौजूद रहे।
संतोष कुमार सिंह, थानाध्यक्ष, बेलीपार
उन्नाव में एक इंस्पेक्टर समेत 15 पुलिसकर्मी क्वारन्टीन
उन्नाव। चार दिन पूर्व नवाबगंज टोल प्लाजा पर गोरखपुर के श्रमिक की मौत हुई थी। मृतक के साथ मौजूद दो साथियों को कोरोना संक्रमित पाया गया है। बुधवार को इसकी जानकारी जिला प्रशासन को मिली तो हड़कंप मच गया। श्रमिकों के संपर्क में आये 15 पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर उन्हें क्वारन्टीन करा दिया गया है। इनमें एक इंस्पेक्टर और चार सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं।