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कोरोना : सेनेटाइजर से साफ होते-होते आधी हो गई नोटों की जिंदगी

कोरोना : सेनेटाइजर से साफ होते-होते आधी हो गई नोटों की जिंदगी

KESHARI NEWS24: Thu, 14 May 2020 11:15 AM•

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नोटों को जमकर हैंड सेनेटाइजर से धोया जा रहा है। हाल ये है कि दिवाली के दौरान जारी नई करेंसी महज सात महीने में खराब हो गई है। सबसे ज्यादा खराब हालत 10, 50, 100 और 500 सौ के नोटों की है। बैंकों में भीगकर सूख चुके नोटों की संख्या बढ़ने लगी है। रिजर्व बैंक ने एटीएम के लिए अलग से नई करेंसी जारी की है। करेंसी की जिंदगी जल्द खत्म हो जाने के बावजूद बैंक नोट सेनेटाइज न करने की सलाह देने से बच रहे हैं।

स्टेट बैंक के कानपुर शहर में सबसे ज्यादा करेंसी चेस्ट हैं। एसबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि नोट जल्दी बेकार हो रहे हैं। नए नोट में इस्तेमाल किया गया कागज विशेष क्वालिटी का है। खराब होने पर इन्हें एटीएम में नहीं डाला जा सकता, क्योंकि  मशीन के अंदर लगा सेंसर खराब गुणवत्ता वाले नोटों को पहचानने से इनकार कर देता है। बैंकों ने इन नोटों को 'नॉन-इश्यूएबल' कैटेगरी में डालना शुरू कर दिया है।

ऐसे नोटों को चलन से बाहर करने के लिए रिजर्व बैंक के पास भेजा जा रहा है। हालांकि अभी इनकी संख्या इसलिए कम है क्योंकि बैंक शाखाओं तक ग्राहक कम आ रहे हैं। एटीएम मेंटीनेंस करने वाली एक बड़ी कंपनी के अधिकारी ने बताया कि कैश डिपाजिट मशीन में जबरन इन नोटों को डालने की कोशिश की जाती है तो मशीन हैंग हो जाती है। डेढ़ महीने में कैश डिपाजिट मशीनों के खराब होने की संख्या पहले की तुलना में दोगुना हो गई है।

एटीएम के लिए अतिरिक्त राशि जारी की

एटीएम सेवाओं में किसी तरह की दिक्कत न आए, इसके लिए रिजर्व बैंक ने भरपूर करेंसी की व्यवस्था कर रखी है। पिछले दो महीने में केवल एटीएम के लिए 3500 करोड़ रुपए की नई करेंसी रिलीज की जा चुकी है। आरबीआई सूत्रों के मुताबिक पांच सौ और दो सौ रुपए की नई करेंसी की कोई कमी नहीं है। सौ, पचास और दस रुपए के नोट भी मांग के मुताबिक पर्याप्त संख्या में हैं। एटीएम के लिए करेंसी चेस्ट को अलग से करेंसी इस निर्देश के साथ जारी की जा रही है कि उसका