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CoronaUpdate: प्रयागराज में सात दिन में संक्रमितों की संख्या पांच से 17 हुई
• यूपी • प्रयागराज • 08 मई 2020 •
लॉक डाउन का तीसरा चरण शहरियों पर संक्रमण के लिहाज से भारी पड़ा है। महाराष्ट्र और दिल्ली से आए लोग कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने का कारण बने। एक मई से सात मई तक सिर्फ पांच दिन में संक्रमितों की संख्या पांच से 17 हो गई। यानी सात दिन में कोरोना के 12 मरीज बढ़े। अब प्रवासियों की आमद से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। फिलहाल करीब 50 हजार लोगों के सर्वे और 28 हजार लोगों की जांच के साथ 531 लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन सेंटरों में रखा गया है।
जिले में एक मई को चार संदिग्ध मरीजों में कोरोना संक्रमण होने के बाद इनकी संख्या पांच से नौ हो गई। दो मई को 278 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें सभी निगेटिव रहे। तीन मई को 295 मरीजों की जांच रिपोर्ट में एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके साथ ही तीन दिन में यह संख्या चार से बढ़कर दस पहुंच गई।
चार मई को 84 लोगों की जांच में सभी निगेटिव रहे लेकिन पांच मई को मिली 39 लोगों की रिपोर्ट में पांच लोगों के पॉजिटिव मामले सामने आए। इसी दिन रात में कोरोना संक्रमित इंजीनियर की उपचार के दौरान जान चली गई। इससे जिले में कोरोना से हुई मौत का पहला मामला आंकड़ों में दर्ज किया गया। मई की छह तारीख को 139 नमूनों की जांच में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं सात मई को आई रिपोर्ट ने लोगों को चौंका दिया। बृहस्पतिवार को 147 नमूनों की जांच में दो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दिन भर में 182 नमूने जांच के लिए गए।
कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन की अवधि में अब तक जिले में 2651 लोगों के स्वाब नमूने जांच के लिए गए। जिसमें 718 की जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। इसमें ऐसे लोगों की संख्या भी शामिल हैं, जिनके दोबारा सैंपल जांच के लिए लिए जाएंगे। अधिकांश लोग सेंटरों में क्वारंटीन हैं। सीएमओ मेजर डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन सेंटरों में कुल 531 लोगों को रखा गया है। ब्लॉक स्तर पर क्वारंटीन सेंटरों के साथ शहर के अन्य स्थानों पर क्वारंटीन किए गए लोगों की संख्या इसमें शामिल नहीं हैं।
बाहर से आए लोगों ने बढ़ाया संक्रमण
कोरोना संक्रमितों के यात्रा विवरण से साफ हो गया है कि महाराष्ट्र के मुंबई, नासिक के साथ इंदौर से आए लोग कोरोना संक्रमण के वाहक बने। यही नहीं वे खुद संक्रमित हुए। दिल्ली से आए इंडोनेशियाई युवक के साथ इंजीनियर के घर आए रिश्तेदारों से भी संक्रमण के फैलाव का अंदेशा है। इंजीनियर के मामले में अभी तक यह साफ नहीं हो सका है वह और उनका परिवार कैसे संक्रमण का शिकार हुए क्योंकि दिल्ली से स्कूटी पर सवार होकर आए उनके रिश्तेदारों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।