Lockdown4.0 : देश के 30 शहरों को राहत नहीं,
•KESHARINEWS24•Sat17,May 2020•
कोरोना संकट के बीच आज यानी रविवार को लॉकडाउन 3.0 की मियाद पूरी होने वाली है और इसके बाद लॉकडाउन 4.0 की शुरुआत होगी। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन-4 में देश के 30 शहरों अथवा नगरपालिका क्षेत्रों में कोई राहत मिलने के आसार नहीं हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकार को सुझाव दिया है कि मुंबई, दिल्ली और कोलकाता जैसे 30 बड़े शहरों में लॉकडाउन 4.0 के दौरान अधिकतम प्रतिबंध होने चाहिए। दरअसल, भारत के कोरोना वायरस के मामलों में 80 फीसदी केस इन्हीं शहरों के हैं।
हालांकि, लॉकडाउन 4.0 में किन-किन चीजों में रियायतें मिलेंगी और किन-किन चीजों पर पाबंदियां लागू रहेंगी, अभी तक इसकी घोषणा नहीं की गई है, मगर उम्मीद है कि सरकार आज सार्वजनिक तौर पर लॉकडाउन 4.0 का औपचारिक ऐलान भी करेगी और नई गाइडलाइन भी जारी करेगी। बता दें कि बीते दिनों राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन 4.0 की अनौपचारिक घोषणा की थी। लॉकडाउन 3.0 यानी 4 मई से लागू लॉकडाउन के तीसरे चरण में उन जिलों में काफी छूट और रियायतें दी गईं, जहां शुरुआत में कोविड -19 के मामले सामने नहीं आए और प्रतिबंधों में ढील दी गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा था कि लॉकडाउन-4 एक अलग रंग और रूप में होगा। पिछले तीनों लॉकडाउन से यह लॉकडाउन 4.0 काफी अलग होगा। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री ने इसके भी संकेत दिए थे कि इस बार राज्यों को कई चीजों के निर्धारण में छूट दी जा सकती है। यानी राज्यों को कोरोना से निपटने के मामलों में अधिक अधिकार मिल सकते हैं। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि लॉकडाउन 4 में इकॉनमी को खोलने की ज्यादा कोशिश होगी।
शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने 12 राज्यों के स्वास्थ्य और जिलाधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिनमें इन जिलों की समीक्षा की गई। सूत्रों का कहना है कि इन जिलों में लॉकडाउन के चौथे चरण में भी राहत के आसार नहीं हैं। क्योंकि, सरकार ने कोरोना प्रबंधन को लेकर शहरी क्षेत्रों के लिए जो दिशा-निर्देश तैयार किए हैं, उनमें कलस्टर संक्रमण वाले क्षेत्रों में इस महामारी की रोकथाम के लिए सख्ती बरतने की बात कही गई है। भारत में कोरोना वायरस के करीब 86 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें करीब 68 फीसदी मामले सिर्फ महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और दिल्ली को मिलाकर हैं।
30 नगरपालिका क्षेत्र, जहां राहत मिलने के कोई आसार नहीं
महाराष्ट्र :
बृहन्मुंबई
ठाणे
पुणे
सोलापुर
नाशिक
औरंगाबाद
पालघर
तमिलनाडु
ग्रेटर चेन्नई
तिरुवल्लूर
कुड्डालोर
चेंगलपट्टू
अरियालुर
विल्लुपुरम
गुजरात
अहमदाबाद
सूरत
वडोदरा
राजस्थान
जयपुर
जोधपुर
उदयपुर
पश्चिम बंगाल
कोलकाता
हावड़ा
मध्य प्रदेश
इंदौर
भोपाल
उत्तर प्रदेश
आगरा
मेरठ
तेलंगाना
ग्रेटर हैदराबाद
आंध्र प्रदेश
कुर्नूल
पंजाब
अमृतसर
दिल्ली
ओडिशा
बेरहमपुर