UP Goverment का फैसला, अब सरकारी स्कूल के 1.80 करोड़ बच्चों के अभिभावकों के खाते में 780 करोड़ रुपये भेजे जाएंगे
राशन के साथ खाना बनाने की रकम भी दी जाएगी
कोरोना के संकट काल में केंद्र ने इस बार गर्मी की छुट्टियों के लिए भी मिड डे मील का राशन देने की व्यवस्था की तो प्रदेश की सरकार ने भी सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए बड़ा फैसला लिया है. इन छात्र छात्राओं के अभिभावकों के खातों में 76 दिन के हिसाब से मिड डे मील बनाने पर खर्च होने वाली रकम भेजी जाएगी. इसके अलावा अभिभावकों को इतने ही दिन का राशन भी दिया जाएगा. प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को इसके लिए तत्काल खातों की सूची तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
सभी शिक्षकों को डिटेल तैयार करने के निर्देश
बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा सरकार इस संकट काल में सभी का ध्यान रख रही है. विभाग की तरफ से सभी शिक्षकों को तत्काल विद्यालय में उपस्थित होकर बैंक खाते और बाकी डिटेल जुटाने के निर्देश दिए गए हैं. खाद्यान का वितरण कोटेदार के माध्यम से किया जाएगा. इसके लिए अभिभावकों को वाउचर दिए जाएंगे जिन पर नाम और उनको मिलने वाले खाद्यान की मात्रा लिखी होगी. सभी BSA खाद्यान और कन्वर्जन कॉस्ट की जानकारी MDM प्राधिकरण को देंगे. योजना की मॉनिटरिंग के लिए शासन ने सभी डीएम को आदेश भेजा है. योजना में 24 मार्च से 30 जून तक का खाद्यान और कन्वर्जन कॉस्ट दिया जाएगा.
योजना से जुड़े खास आंकड़े
प्रदेश के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कुल बच्चे- 1,80,19,846
इनमें से 1,23,14,652 प्राइमरी और 57,05,194 अपर प्राइमरी स्कूल में
प्राइमरी के प्रत्येक बच्चे को 7.60 किलोग्राम और अपर प्राइमरी के प्रत्येक बच्चे को 11.40 किलोग्राम राशन दिया जाएगा
प्राइमरी में प्रत्येक विद्यार्थी 374 रुपये और अपर प्राइमरी में प्रत्येक विद्यार्थी 561 रुपये कन्वर्जन कॉस्ट (मिड डे मील बनाने का खर्च) दी जाएगी
इस तरह सरकार करीब 780 करोड़ रुपये तो सिर्फ खातों में ही ट्रांसफर करेगी
खाद्यान के लिए प्रधानाध्यापक बच्चों के अभिभावकों को वाउचर देंगे