चीनी सीमा विवाद पर २ हज़ार जवान सरहद के लिए रवाना , चीन से लगें 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) की सभांलेगें सुरक्षा
लद्दाख में चीनी सैनिकों से तनाव के बीच आईटीबीपी के दो हजार अतिरिक्त जवानों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अग्रिम मोर्चों पर तैनात किया जा सकता है, ताकि निगरानी को मजबूत किया जा सके। लद्दाख की स्थिति को देखते हुए देश के विभिन्न क्षेत्र में अलग-अलग ड्यूटी कर रहे आईटीबीपी के जवानों को वापस बुलाया जा रहा है।
आईटीबीपी सेना के साथ चीन से लगी 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। कराकोरम दर्रे से जाचेपला तक 180 से ज्यादा बार्डर गार्डिंग पोस्ट पर आईटीबीपी के जवान तैनात किए जाते हैं। ये चेकपोस्ट लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में आती हैं।
गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद तनाव :
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सेनाओं के बीच गतिरोध कम करने के प्रयासों के बीच सोमवार (15 जून) को गलवान घाटी में तीन घंटे तक दोनों सेनाओं के बीच चले खूनी संघर्ष में भारतीय सेना के एक कमांडिग अधिकारी (कर्नल) समेत 20 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद भारतीय सेना को बदलाव करना पड़ा है। सोमवार रात हुई झड़प में चीनी जवानों के मारे जाने की भी पुष्टि की गई है, लेकिन चीन की तरफ से यह नहीं बताया गया है कि उसके कितने सैनिक हताहत हुए हैं। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के भी करीब 40 सैनिक मारे गए हैं या तो जख्मी हुए हैं।
1967 के बाद पहली बार PLA के साथ झड़प में भारतीय सैनिक की मौत :
सोमवार (15 जून) को हुआ संघर्ष नाथू ला में 1967 में हुई उस झड़प के बाद सबसे बड़ा संघर्ष है जिसमें चीन के 300 से अधिक सैनिक मारे गए थे और भारत के लगभग 80 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 1975 में चीन की सेना के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सैनिक की मौत हुई थी। 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में दोनों देशों के बीच अस्थाई सीमा के पास घात लगाकर किए गए हमले में चार भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
पूर्वी लद्दाख के इलाकों में चल रहा है विवाद :
भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। काफी संख्या में चीनी सैनिक अस्थायी सीमा के अंदर भारतीय क्षेत्र में पैंगोंग सो सहित कई स्थानों पर घुस आए हैं। भारतीय सेना ने घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए उनकी तुरंत वापसी की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई वार्ताएं हुई हैं। भारत और चीन का सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर है। चीन, तिब्बत के दक्षिणी हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है जबकि भारत इसे अपना अभिन्न अंग बताता है।
5 मई को भारत और चीन की सेना में झड़प :
पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब खराब हुई जब बीते पांच मई को पेगोंग झील क्षेत्र में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और लाठी-डंडों से झड़प हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ था, जिसमें दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे। यह घटना अगले दिन भी जारी रही। इसके बाद दोनों पक्ष ''अलग" हुए, लेकिन गतिरोध जारी रहा। इसी तरह की एक अन्य घटना में नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास दोनों देशों के लगभग 150 सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, इस घटना में दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे।