आज शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर, भारत-चीन सीमा विवाद पर करेंगे बैठक , भारतीय दल का नेतृत्व कर ले सकते हैं कई अहम फैसलें
जानकारी के मुताबिक, मीटिंग सुबह 9 बजे शुरू हो जाएगी. चीन की तरफ से दक्षिणी शिंचियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक के कमांडर, मेजर जनरल लियु लीन नेतृत्व करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, ये रैंक नहीं पोस्ट यानी ओहदे के स्तर की मीटिंग है. यही वजह है कि चीन के मेजर जनरल रैंक के अधिकारी भारत के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक से मीटिंग करेंगे. भारत की सैन्य कोर चीन के एक मिलिट्री डिस्ट्रिक की लगभग बराबर ही होती है.
लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह पिछले साल अक्टूबर में 14वीं कोर के कमांडर बनाए गए थे, जिसे फायर एंड फ्यूरी के नाम से भी जाना जाता है. इससे पहले वे सेना मुख्यालय में डीजीएमआई के पद पर थे. वर्ष 2010 में हरिंदर सिंह ने चीन पर रिसर्च पेपर लिखा था, जिसमें उन्होनें कहा था कि चीन भारत के साथ सामरिक स्तर पर तो संबंध सुधार लेगा लेकिन टेक्टिकल लेवल यानि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच झड़पें और टकराव होते रहेंगे.
शनिवार की बैठक में हरिंदर सिंह के साथ ब्रिगेड कमांडर और दो कर्नल रैंक के अधिकारी सहित कुल आधा दर्जन लोग मीटिंग में हिस्सा लेंगे. चीन की तरफ से भी लगभग इतने ही अधिकारी होंगे. क्योंकि चीन ने भारत को बैठक के लिए बुलाया है इसीलिए भारतीय कमांडर उनकी बीपीएम (बॉर्डर पर्सनैल मीटिंग) हट में मीटिंग के लिए जा रहे हैं.
इस बैठक के लिए सेना मुख्यालय में तैनात डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स) और उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी लगातार कोर कमांडर से संपर्क में है.
हालांकि, मीटिंग को लेकर थलसेना प्रमुख सहित देश की पूरी 'मिलिट्री-लीडरशिप' मामले पर पैनी नजर रखे हुई है और लगातार स्थिति की समीक्षा की जा रही है. ले. जनरल वाई के जोशी सीधे हरिंदर सिंह के बॉस हैं और इससे पहले लेह में ही कोर कमांडर थे (पहली फोटो में हरिंदर सिंह और वाई के जोशी हैं). हरिंदर सिंह ने अक्टूबर के महीने में उनसे ही चार्ज संभाला था और चार्ज संभालने के तुरंत बाद पहला दौरा पूर्वी लद्दाख का किया था जहां इन दिनों दोनों देशों की सेनाओं में तनातनी चल रही है.
वाई के जोशी करगिल युद्ध के हीरो रहे हैं और चीन स्थित भारतीय दूतावास में मिलिट्री-अटैचे रह चुके हैं. 'करगिल-एलओसी' फिल्म में उनकी भूमिका संजय दत्त ने निभाई थी.
सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में फिंगर-एरिया का मुद्दा छाया रह सकता है. क्योंकि गैलवान घाटी में चीन ने अपने कैंप कम कर दिए हैं जिससे ऐसा लगता है कि गैलवान घाटी में तनाव कम करने के लिए चीन तैयार है. इसके अलावा भी चीन ने कई जगह 'डिसइंगेज' कर लिया है. हॉट-स्प्रिंग के गोगरा और डेमचोक में भी दोनों देशों के बीच तनातनी चल रही है.