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UP :  कुछ स्कूलों ने पेश किया मिसाल 3 माह की स्कूल फीस को किया माफ ,अभिभावकों में खुशी

UP : कुछ स्कूलों ने पेश किया मिसाल 3 माह की स्कूल फीस को किया माफ ,अभिभावकों में खुशी

लॉकडाउन में आर्थिक संकट झेल रहे अभिभावक जब बच्चों की मोटी फीस की माफी के लिए स्कूलों से लेकर सरकार और कोर्ट तक से गुहार लगा रहे हैं, कुछ स्कूलों ने खुद आगे बढ़कर फीस से राहत देने का निर्णय लिया है। जिले के कई स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने अप्रैल, मई और जून तक की फीस माफ कर दी है। इन स्कूलों के प्रबंधक ऑनलाइन तरीके से बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षकों को अपनी बचत से न सिर्फ वेतन दे रहे हैं बल्कि स्कूल की बिजली समेत अन्य खर्च भी अपनी जेब से वहन कर मिसाल कायम कर रहे हैं।

हालांकि यह पहल करने वाले अधिकांश स्कूल ग्रामीण क्षेत्र के हैं। पंडित आरएस विद्याश्रम कॉलेज मारूफपुर में एक से आठ तक की कक्षाओं में लगभग 450 बच्चे और नौ से बारह तक में लगभग 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। 1 से 8 तक 300 और 9 से 12 तक के छात्रों की फीस 400 रुपए प्रति माह है। ऐसे में लगभग 850 छात्र-छात्राओं की तीन महीने की फीस 8 लाख 85 हजार रुपये होती है जिसे प्रबंध समिति ने कोरोना के मद्देनजर माफ की है। 

तारा रशीद गर्ल्स इंटर कॉलेज के प्रबंधक खुर्शीद आलम के अनुसार एक से बारह तक के लगभग 700 बच्चों की एक महीने की फीस करीब एक लाख तीस हजार रुपये होती है। तीन महीने की फीस लगभग चार लाख रुपये फीस माफ कर दी गई। न्यू स्कॉलर्स एकेडमी छतनाग रोड झूंसी ने अप्रैल, मई एवं जून महीने की फीस माफ की है। बेसिक शिक्षा परिषद से 8वीं तक के लिए मान्यता प्राप्त इस स्कूल में तकरीबन 150 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।

1. न्यू स्कॉलर्स एकेडमी, छतनाग रोड झूंसी
2. जीएस एकेडमी, इंग्लिश मीडियम करछना
3. प्रकाश पब्लिक स्कूल एवं प्रकाश बालिका इंटर कॉलेज, डीहा करछना  
4. एलबी सिंह इंटर कॉलेज, मुंगारी करछना 
5. पंडित आरएस विद्याश्रम इंटर कॉलेज, मारूफपुर आनापुर लालगोपालगंज
6. तारा रशीद शेरवानी गर्ल्स इंटर कॉलेज, कुराली आनापुर लालगोपालगंज
7. शंकर लाल पब्लिक स्कूल जसरा आदि

इनका कहना है
मनोज उपाध्याय, प्रबंधक न्यू स्कॉलर्स एकेडमी छतनाग रोड झूंसी ने बताया कि  वैश्विक महामारी कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए इस संकट की घड़ी में अप्रैल, मई, एवं जून महीने का किसी भी प्रकार का शुल्क विद्यालय द्वारा नहीं लिया जाएगा। यह संकट का समय है, पूरी मानव जाति अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। इसमें हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।