UP : रामायण पर इन्साइक्लोपीडिया बनाने के बाद , अब विदेशियों को रामलीला के मंचन की बारीकियां सिखायेंगा योगी सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार रामायण पर इन्साइक्लोपीडिया बनवाने के साथ ही अब विदेशियों को रामलीला के मंचन की बारीकियां सिखाएगी। यह विदेशी सुंदरकांड का पाठ भी करेंगे। यह सारा कुछ केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के आर्थिक सहयोग से अयोध्या शोध संस्थान के संयोजन में होने वाली ऑनलाइन रामलीला प्रशिक्षण कार्यशाला में होगा। अयोध्या शोध संस्थान उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के अधीन संचालित है।
अब तक इजरायल, वेनेजुएला, मारीशस, सूरीनाम, त्रिनीडाड, गुयाना और फिजी के लोगों ने पंजीकरण करवाया है। जल्द ही इसमें श्रीलंका, थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया और अमेरिका के कुछ लोग भी शामिल होंगे। हर रविवार की शाम को 7 बजे से होने वाली इस आनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला के आयोजन में मारीशस रामायण सेंटर और दीवालीनगर त्रिनीडाड की अहम भूमिका है।
अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ योगेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त कर बेहतर प्रस्तुतियां करने वाले इनमें से कुछ विदेशियों को इस बार दीपावली के पर अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव में कार्यक्रम के लिए भी आमंत्रित करने का प्रस्ताव है। बीते रविवार तक इस कार्यशाला के लिए कुल 247 विदेशी पंजीकरण करवा चुके थे।
त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर भारत में गोस्वामी तुलसीदास की रामलीला शैली में ही रामलीला खेली जाती है जो कि मंच पर होती है और उसमें प्रधानता अभिनय व संवाद अदायगी की ही होती है। मगर विदेशों में अब तक रामलीला मैदानों में ही होती रही है