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Varanasi : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दुनिया का अनूठा जलयोग का नज़ारा

Varanasi : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दुनिया का अनूठा जलयोग का नज़ारा

KESHARI NEWS24

वाराणसी. आज छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। दुनिया में तमाम ऐसे लोग हैं, जो अपने योग साधना से लोगों को हैरान कर देते हैं। उनमें से ही एक काशी के छेदी बाबा हैं। पांच साल की उम्र से ही योग करते आ रहे हैं। वर्तमान में उनकी उम्र 55 साल है। जब 15 साल के हुए तो उन्होंने जलक्रिया शुरू किया। अब वे गंगा की धारा में पद्मासन, शव आसन, मत्स्य आसन, शक्ति चालानी मुद्रा, मालाजप मुद्रासन समेत कई आसन कर लेते हैं। वे इस जलक्रिया को दुनिया तक पहुंचाना चाहते हैं। इसलिए काशी में आने वाले पर्यटकों को भी वे प्रशिक्षित करते हैं। 

5 साल की उम्र में कराया था पद्मासन

डोमरी गांव के रहने वाले 55 वर्षीय छेदी बाबा की सेमरा रोड पर छोटी सी हार्डवेयर की दुकान है। इसके अलावा खेती भी है। छेदी बाबा बताते हैं कि, उनके दादा हरिनंदन स्वामी ने 5 साल की उम्र में पद्मासन कराया था। तभी उनके अंदर योग की प्रबल इच्छा जागृत हो गयी। पिता और दादा की मौत 6 साल के उम्र में ही हो गयी थी। हाई स्कूल की पढ़ाई के बाद घर का खेतीबाड़ी संभाला। उन्होंने बताया कि 2 बेटे 2 बेटियां है। 3 बच्चों की शादी भी हो चुकी है। छोटे बेटे की शादी नहीं हुई है।

गंगा नदी में मालाजप मुद्रासन करते छेदी बाबा।

हर दिन दो घंटे गंगा नदी में अभ्यास

छेदी बाबा ने बताया कि, करीब 15 साल की उम्र में वो गंगा जल क्रिया को जाने लगे थे। धीरे धीरे वो गंगा जल पर ही पद्मासन, शवासन, मत्स्यासन, शक्ति चालानी मुद्रा, मालाजप मुद्रासन समेत कई आसन वे कर लेते हैं। अब हर दिन दो घंटे वे इसका अभ्यास करते हैं। तीन साल पहले उन्होंने जल प्रयोग संस्थान बनाया। जिसके अंतर्गत वो कुछ बच्चों को योग भी सिखाते हैं। लॉकडाउन में अभी सब बंद है। उन्होंने बताया जल क्रिया मन और शरीर के कन्ट्रोलिंग का समन्वय है। जैसे लोग जमीन पर योग करते हैं, वैसे ही जल पर करते हैं। बिना अभ्यास के इसे कोई भी न करे।

जल की धारा के बीच योग की क्रियाएं करते छेदी बाबा।