Bihar : जनता की चिंता छोड़ बंद कमरों में राजनीति करने काम करती हैं : BJP
पटना: बिहार में दिन पर दिन कोरोना संक्रमण की स्थिति बदतर होती जा रही है. रोजाना सैकड़ों नए मरीज मिल रहे हैं. इसी बीच विधानसभा चुनाव भी होना है. ऐसे में विपक्ष लगातार राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर कोरोना से निपटने में कोताही बरतने का आरोप लगा रहा है. कुव्यवस्था को मौजूदा स्थिति का जिम्मेदार बताते हुए हर मोर्चे पर विपक्ष सरकार को घेर रही है. वहीं मौजूदा हालात में जनता की चिंता छोड़ बंद कमरों में राजनीति करने का आरोप लगा रही है. इधर, सत्ता पक्ष भी विपक्ष के बयानों का पलटवार कर रही है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि AC कमरे से चुनाव की तैयारी कर रही हैं- बीजेपी
विपक्ष के बयानों का जवाब देते हुए सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि विपक्ष बंद कमरे में चुनाव की तैयारी कर रही है. लेकिन सूबे की जनता विरोधी दलों की कथनी और करनी से वाकिफ है. उन्होंने कहा कि एसी कमरे में बैठकर न तो कोरोना का मूल्यांकन किया जा सकता है और ना ही कोरोना से बचाव में स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए जा रहे कामों की समीक्षा की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस मामले में झूठा बयान देकर लोगों को बरगलाने की असफल कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सूबे की जनता सब कुछ देख रही है. जनता कोरोना काल में सरकार की ओर से उठाए गए कदम और अस्पतालों में की गई व्यापक व्यवस्था से न सिर्फ संतुष्ट है, बल्कि सहयोग भी कर रही है. सच्चाई यह है कि बंद कमरे में नेता प्रतिपक्ष गुपचुप तरीके से चुनाव की तैयारी और महागठबंधन से भाग रहे दलों को रोकने में जुटे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में आज तक नेता प्रतिपक्ष न तो घर से निकले और न अस्पतालों में जाकर पीड़ितों का हालचाल लिया. यही नहीं शासन की ओर से की गयी व्यवस्था को भी नजदीक से देखना मुनासीब नहीं समझा. विपक्ष के नेता एनडीए पर कोरोना काल के समय चुनाव की तैयारी का आरोप लगाते हैं, लेकिन सच यह है कि बंद कमरे में रहकर आरजेडी चुनाव की तैयारी में जुटा है.
स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि बीजेपी जनसंवाद कार्यक्रम चला रही है, ताकि अपने कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से सीधा संवाद कर सके. उन्होंने सवाल किया कि क्या आरजेडी को वर्चुअल जनसंवाद करने से किसी ने रोका है? क्या उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि आरजेडी समेत अन्य विपक्षी दलों ने अपनी करतूतों से आवाम का भरोसा खो दिया है? लेकिन एक बात साफ है कि राज्य की जनता अब ऐसी सियासी पार्टियों के झांसे में आने वाली नहीं है.
विपक्ष चुनाव का सामना करने की स्थिति में नहीं है- बीजेपी
बिहार की जनता विपक्ष की कथनी और करनी से बखूबी वाकिफ हो गई है. इसलिए विपक्ष चुनाव का सामना करने की स्थिति में नहीं है. उसे आभास हो गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में न सिर्फ विपक्ष की करारी हार होने वाली है, बल्कि कई दलों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा.
इस दौरान उन्होंने बिहार में कोरोना की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि दो दिनों में 18 हजार से ज्यादा कोरोना के टेस्ट किए गए हैं. शनिवार को 9 हजार 108 और रविवार को 9 हजार 251 लोगों की जांच हुई. रोजाना टेस्ट की क्षमता बढ़ रही है. वहीं बिहार में रिकवरी दर 73 फीसदी हो गया है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष को यह दिखाई नहीं देता है क्योंकि वो तो कोरोना का राजनीतिकरण कर लोगों को दिग्भ्रमित करने में जुटे हैं.
इधर, सूबे के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने एक तरफ लॉकडाउन के दौरान लौटे मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था की, तो दूसरी ओर सबके लिए राशन का इंतजाम किया. जीविका दीदियों के सर्वेक्षण में राशनकार्ड की पात्रता रखने वाले 35.43 लाख लोगों का पता चला. इसके अलावा 22.27 लाख आवेदन मिले थे. जांच के बाद 23 लाख 27 हजार नए राशन कार्ड बने. इनमें से 13 लाख कार्ड वितरित हो चुके हैं. जो छूट गए, वे भी RTPS काउंटर से आवेदन कर सकते हैं. नए कार्डधारियों को भी पांच महीने तक राशन मुफ्त मिलेगा. कोई भी राशनकार्ड से वंचित नहीं रहेगा.
सुशील मोदी ने सड़क किनारे सामान बेचने वालों के लिए बड़ी राहत की जानकारी देते हुए कहा कि सड़क पर ठेला-खोमचा लगा कर रोजगार करने वाले और अन्य स्ट्रीट वेंडरों को प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत कार्यशील पूंजी के लिए 10 हजार रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा. वहीं मासिक किस्त बांध कर जो लोग एक साल में कर्ज लौटाएंगे, उन्हें 7 फीसद ब्याज अनुदान मिलेगा. 700 रुपये की यह राशि कर्ज लौटाने वाले के खाते में डाली जाएगी. इस योजना के लिए सर्वेक्षण कर पटना में 13 हजार वेंडरों का निबंधन हुआ है. पूरे बिहार में इस योजना के तहत सर्वेक्षण कराया जा रहा है. सरकार छोटी पूंजी से रोजगार करने वालों के साथ खड़ी है.