वाराणसी, काशी बाबा विश्वनाथ दरबार का मुख्य परिसर पश्चिमी दिशा में तीन मीटर तक विस्तार पाएगा। इस तरह श्रद्धालुओं के लिए जप-तप, ध्यान-साधना के लिए और भी स्थान मिल जाएगा। इससे पहले वर्ष 2007 में रानी भवानी प्रांगण को मिला कर मुख्य परिसर बड़ा करते हुए बरामदे में पूजन-अनुष्ठान की व्यवस्था की गई थी।
अब मंदिर विस्तारीकरण व सुंदरीकरण के क्रम में एक बार फिर से श्रद्धालुओं के हाथ यह सौगात आएगी। हालांकि इसके लिए अहमदाबाद की कंसल्टेंट कंपनी एचसीपी ने खाका पहले ही खींच लिया था। इसे कैबिनेट में पास करा कर निर्माण कार्य भी शुरू किया गया मगर भवनों के ध्वस्तीकरण के बाद बीच-बीच में मंदिर निकलने से बनी स्थितियों को देखते हुए संशोधन की जरूरत महसूस की जा रही थी। ऐसे में कैबिनेट के निर्देश पर मंडलायुक्त की अध्यक्षता में संशोधन के लिए कमेटी का गठन किया गया। इसमें संबंधित प्रस्तावों को रख कर चर्चा की जा चुकी है। इसमें तय किया गया कि पुराने मंदिरों को सुरक्षित रखते हुए परिवर्तन किए जाएं। ऐसे में पूर्व निर्धारित 24 भवनों में से 10 की ड्राइंग -डिजाइन में आमूल-चूल संशोधन का निर्णय लिया गया है। इसमें तीनों पर्यटक सुविधा केंद्र भी आ रहे हैैं। ऐसे में पश्चिम दिशा में मंदिरों की कतार होने के कारण यहां बनने वाले पर्यटक सुविधा केंद्र का आकार थोड़ा कम किया जाएगा। दो केंद्रों में से एक दक्षिणी ओर तो दूसरा पूजा गेस्ट हाउस की ओर होगा। भोगशाला भी दक्षिण दिशा में ही होगी। साथ ही कारिडोर एरिया में आ रहे वैदिक केंद्र की डिजाइन में भी बदलाव किया जाएगा। कार्यदायी एजेंसी लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संजय गोरे के अनुसार दस भवनों के आकार प्रकार में परिवर्तन के लिए संस्तुति मिल चुकी है। उसके आधार पर कंसल्टेंट कंपनी को संशोधन के लिए कहा गया है।
28000 वर्ग फीट का हो रहा है निर्माण : मंदिर विस्तार व सुंदरीकरण परियोजना के दूसरे चरण में निर्माण जनवरी में शुरू किया गया था। इसे पूूरा करने को 18 माह का लक्ष्य है। बाबा दरबार से गंगा तट तक 50 हजार वर्ग फीट कारिडोर के लिए लगभग 400 करोड़ खर्च कर 310 भवन खरीदे गए हैैं। पीएम ने पिछले साल मार्च में इसका भूमि पूजन किया था। अब 346 करोड़ रुपये से प्लिंथ एरिया 28000 वर्ग फीट में निर्माण होगा। इसमें प्रथम व द्वितीय तल शामिल हैैं।