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यूरिया तथा फीस माफी सहित अन्य मुद्दों पर कांग्रेसका हल्ला बोल

यूरिया तथा फीस माफी सहित अन्य मुद्दों पर कांग्रेसका हल्ला बोल

बलरामपुर । यूरिया की किल्लत से जूझ रहे जिले के किसानों को आवश्यकता अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराई जाए। कोरोना संक्रमण काल के दौरान बंद प्राइवेट स्कूलों में फीस माफी कराकर गरीब अभिभावकों को राहत पहुंचाई जाए। गन्ना किसानों का बकाया मूल्य भुगतान शीघ्र कराया जाए। इन सभी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो कांग्रेस पार्टी व्यापक रूप से जन आंदोलन करेगी।
        उतरौला तहसील में धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कांग्रेस जिला महासचिव हामिद अली उल्ला ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के आह्वान पर किसानों व गरीबों के हक की लड़ाई के लिए कांग्रेस पार्टी ने धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि जिले में यूरिया की भीषण किल्लत को समाप्त किया जाए। यूरिया ना मिलने से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराई जाए। लॉकडाउन के दौरान बंद प्राइवेट स्कूलों से फीस माफ कराई जाए जिससे गरीब अभिभावकों को राहत मिल सके। तकनीकी कालेजों के निजी करण का प्रयास प्रदेश सरकार कर रही है जिसे तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। कांग्रेस नेता ने कहा हरैया बाजार स्थित कन्या इंटर कॉलेज जैसे कई विद्यालय कोरोना काउंट में भी दयाना दिखाते हुए गरीब अभिभावकों से जबरन मोटी फीस वसूल रहे हैं और तनिक भी देर होने पर उन्हें विलंब शुल्क आदि का भय भी दिखाया जा रहा है। तकनीकी कॉलेजों के निजीकरण का प्रयास प्रदेश सरकार कर रही है जिसे तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।

किसानों का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान शीघ्र किया जाए प्रदेश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। ज्ञापन सौंपते समय जिला सचिव राजेश कुमार ने कहा कि भाजपा सरकार में पत्रकारों को पीड़ित किया जा रहा है और सच्चाई लिखने वाले पत्रकारों को जान से मार दिया जा रहा है इस पर यदि शीघ्र ही अंकुश नहीं लगा तो कांग्रेस पार्टी व्यापक रूप से जन आंदोलन करेगी और इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा।

कांग्रेस नेता ने बलरामपुर के हरैया सतघरवा विद्युत उप केंद्र के प्रभारी तथा क्षेत्रीय लाइनमैन ओं द्वारा मनमाने तरीके से विद्युत सप्लाई तथा उपभोक्ताओं से अवैध धन उगाही का विरोध करते हुए कहा गया कि यदि शीघ्र ही इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो हमें मजबूर होकर न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी।