Headlines
Loading...
गृह मंत्रालय ने मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस रखने को दिया मंजूरी

गृह मंत्रालय ने मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस रखने को दिया मंजूरी

  केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को वाराणसी के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर 'बनारस' रखने की मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का अनुरोध भेजा था। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर 'बनारस' करने के लिए 'अनापत्ति प्रमाणपत्र' जारी किया गया है। हालांकि इस बाबत वाराणसी के रेलवे अधिकारियों के पास कोई सूचना नहीं आई है।

मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस रखने की मांग पिछले चार सालों से सोशल मीडिया के साथ कई संगठन उठा रहे थे। वाराणसी में ही औढ़े में आयोजित जनसभा में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने भी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बनारस करने का अनुरोध किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में वाराणसी जंक्शन के अलावा वाराणसी सिटी और काशी के नाम से रेलवे स्टेशन पहले से मौजूद हैं। मंडुवाडीह स्टेशन मनोज सिन्हा के कार्यकाल में बनारस के सबसे बड़े और खूबसूरत स्टेशन के रूप में उभरा है। इसी के बाद से नाम बदलने की मुहिम चल रही थी।

इससे पहले वाराणसी के पड़ोसी जिले चंदौली के मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन हो चुका है। पहले चंदौली भी वाराणसी का ही हिस्सा था। 

किसी स्टेशन का नाम बदलने से पहले गृह मंत्रालय की मंजूरी जरूरी होती है। गृह मंत्रालय संबंधित एजेंसियों के साथ परामर्श के बाद दिशा निर्देशों के अनुसार नाम परिवर्तन के प्रस्तावों पर विचार करता है। रेल मंत्रालय, डाक विभाग और सर्वेक्षण विभाग से अनापत्ति लेने के बाद किसी भी स्थान का नाम बदलने के किसी भी प्रस्ताव को अपनी मंजूरी देता है। 

गांव या कस्बे या शहर का नाम बदलने के लिए एक कार्यकारी आदेश की आवश्यकता होती है। एक राज्य के नाम बदलने के लिए संसद में एक साधारण बहुमत के साथ संविधान में संशोधन की आवश्यकता होती है।