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KESHARI NEWS24
आज सावन के अंतिम सोमवार एवं रक्षाबंधन के कुछ मुहूर्त के बारे में जान लें , ताकि भद्राकाल में नहीं बांधे राखी
सावन की पूर्णिमा आज है और राखी पर बन रहे कुछ मुहूर्त के बारे में आप जान लें, ताकि ये त्यौहार भाई-बहनों के जीवन में खुशियां और प्यार लेकर आए.
भद्राकाल में कभी न बांधें राखी
3 अगस्त को सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक भद्राकाल है. हिंदू धर्म में भद्राकाल को किसी भी काम के लिए शुभ नहीं माना जाता है. ऐसे में इस काल में बहनों को अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांधनी चाहिए. हिंदू धर्मशास्त्र में भद्रा को सूर्य की पुत्री माना गया है..
जुड़ी है पौराणिक मान्यता
भद्रा में राखी न बंधवाने के पीछे रामायण काल की एक पौराणिक मान्यता जुड़ी हुई है. मान्यता के मुताबिक लंकेश रावण का जिस वर्ष भगवान श्रीराम से युद्ध हुआ था, उस वर्ष उसकी बहन ने उसे भद्राकाल में ही राखी बांधी थी. जिसके दुष्प्रभाव से साल के अंदर ही लंकापति रावण का विनाश हो गया. ऐसे में भद्राकाल में राखी बांधना लोकपरंपरा में उचित नहीं माना जाने लगा.
राखी बांधने का सबसे सुंदर मुहूर्त अभिजित मुहूर्त है. ये मुहूर्त आज दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. दोपहर 2 बजकर 42 मिनट से 3 बजकर 35 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा. इस मुहूर्त में राखी बांधने से भी भाई बहन को सुफल ही मिलेगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 6 बजकर 57 मिनट से 7 बजकर 21 मिनट तक रहेगा और सांध्य मुहूर्त 7 बजकर 10 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक होगा.
इन मुहूर्त में आप कभी भी राखी बांध सकते हैं. 3 अगस्त की रात 9 बजकर 27 मिनट पर पूर्णिमा का समापन होगा. इससे पहले ही राखी बांध ली जानी चाहिए.