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 भारत - चीन सीमा विवाद (LAC) पर तैनात जालौन के जवान धर्मपाल का पार्थिव शरीर पहुंचा उरई गांव , राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

भारत - चीन सीमा विवाद (LAC) पर तैनात जालौन के जवान धर्मपाल का पार्थिव शरीर पहुंचा उरई गांव , राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

जालौन जिले में भारत - चीन सीमा विवाद (LAC) पर तैनात जालौन के जवान धर्मपाल का पार्थिव शरीर उनके गांव उरई पहुंचा. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गई. अंतिम विदाई के लिए उरई विधायक गौरीशंकर के साथ उपजिलाधिकारी सतेंद्र सिंह के साथ पूरा गांव उमड़ा था.

आज धर्मपाल का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके गांव पहुंचा पूरा गांव गमगीन हो गया और उन्हें अंतिम विदाई देने के लिये उमड़ पड़ा. जहां भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे से पूरा इलाका गूंज गया. उनके निधन से परिजनों के साथ ग्रामीणों का रो-रो कर बुरा हाल है. 

धर्मपाल सिंह भारतीय थल सेना के आर्टिलरी में हवलदार थे. धर्मपाल सिंह की तैनाती भारत-चीन बॉर्डर LAC पर लद्दाख की पहाड़ियों पर थी, पहाड़ों पर ऑक्सीजन की कमी से उनकी हालत बिगड़ गई थी, हालत गंभीर होने पर उन्हें चंडीगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उनका 5 अगस्त को निधन हो गयाजालौन के उरई तहसील के जैसारी कला गांव के रहने वाले शहीद जवान धर्मपाल का चयन 2001 में भारतीय सेना में हुआ था. शहीद जवान धर्मपाल सिंह की पहली तैनाती साल 2001 में जोधपुर में हुई थी. शहीद जवान धर्मपाल तीन भाई थे जिसमें वह दूसरे नंबर थे, बड़े भाई महिपाल सिंह, छोटे भाई इंद्रपाल गांव में खेती करते है ।