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महाबलीपुरम के विशालकाय पत्थर का जाने रहस्य

महाबलीपुरम के विशालकाय पत्थर का जाने रहस्य

दुनिया में रहस्य भरी कई चीजें हैं, जिन्हें कोई भी नहीं सुलझा पाया। ऐसी ही एक अद्भुत रहस्य से भरी बात है तमिलनाडु शहर में मौजूद एक प्राचीन पत्थर। यह पता करीब ढाई सौ किलो वजन का है और 20 फीट ऊंचा, 15 फीट चौड़ा है। इसकी खास बात यह है, कि यह पत्थर एक ढलान पर टिका हुआ है किंतु यह फिर भी अपनी जगह से नहीं हिलता। यह पत्थर कहां से आया, किसने बनाया यह अभी तक किसी को पता नहीं चल पाया। पहली बार इस रहस्य के बारे में 1908 में पता चला। पर्यटकों के लिए महाबलीपुरम में यह स्थान बेहद खास होता है। यह पत्थर ग्रेविटी को सामने से चुनौती देता है।

ऐसी ऐसी मान्यता है, कि यह पत्थर बारह सौ वर्ष से यहां पर मौजूद है। इस पत्थर को krishnas butter ball नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है, कि श्री कृष्ण ने बचपन में इस स्थान पर थोड़ा सा मक्खन गिरा दिया जो आज के समय में एक विशाल पत्थर का रूप ले चुका है। इसी कारण इसे श्री कृष्ण के माखन का नाम दिया गया। l यह बात किसी रहस्य से कम नहीं है कि यह चट्टान केवल 4 फीट से भी कम बेस पर खड़ी हुई है। कुछ मान्यताओं के अनुसार ऐसा भी माना गया है, कि यह बॉल स्वर्ग से आई है। तमिल में इसे vannirai kal कहते हैं जिसका अर्थ हुआ पत्थर का आकाश।


यह चट्टान किसी गोलाकार पत्थर का आधा भाग दिखाई देता है। इसका आधा पाठ कुत्रा हुआ है, जिसका रहस्य किसी को भी नहीं पता कि यह कैसे हुआ होगा। वहीं भू वैज्ञानिकों का मानना है कि प्राकृतिक तौर पर ऐसा आसामान्य आकार बनना संभव नहीं है। वैज्ञानिक इस पर कहते हैं यह चट्टान प्राकृतिक घटक द्वारा बनी है। कुछ लोग यह कहते हैं, कि इसका कारण फ्रिक्शन या गुरुत्वाकर्षण हो सकता है।

घर्षण को फिसलने से रोकने के लिए जाना जाता है। वहीं गुरुत्वाकर्षण इस छोटे क्षेत्र पर संतुलन बनाने की अनुमति प्रदान करता है। कुछ लोगों का मानना है, कि देवताओं ने इसे अपनी शक्ति दिखाने के लिए पृथ्वी पर छोड़ा हुआ है।


ऐसा नहीं है, कि इसे गिराने की कोशिश ही नहीं की गई हो। वर्ष 1960 में मद्रास ऑर्थोलॉजी के गवर्नर द्वारा इस जगह से हटाने का फैसला लिया गया था। उन्हें डर था कि इस चट्टान की वजह से शहर की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। उन्होंने इसे हटाने के लिए 7 हाथियों को भेजा और इस चट्टान को हटाने की कोशिश की किंतु यह चट्टान अपने स्थान से 1 इंच भी नहीं हिली। अभिषेक कोई चमत्कार करें या विज्ञान किंतु इसने वास्तव में गुरुत्वाकर्षण को चुनौती दे दी है।