KESHARI NEWS24
UP news
पूर्व आईपीएस अधिकारी के ट्वीट से मचा हड़कंप एसएसपी ने दिए जांच के आदेश
KESHARI NEWS24
चंदौली। एक पूर्व आईपीएस ऑफिसर के ट्वीट से चंंदौली जिले के पुलिस महकमे में भूचाल आ गया है। जिले के पुलिस अफसर अपना गला बचाने में जुटेे हैं। जानते हैं क्यों? सूबे के एक पूर्व पुलिस अफसर ने मुगलसराय थाने से की जाने वाली वसूली की एक लिस्ट जारी कर दी है। इस कथित लिस्ट को सच मानें तो मुगलसराय थाना पुलिस हर महीने 35 लाख रुपये की चौथ वसूली करती है। यह आरोप मुगलसराय के उस थानेदार पर लगा है जो लंबे अरसे से मुगलसराय थाने पर तैनात है। नियमानुसार तीन साल के अंदर पुलिस अफसर जिले बाहर कर दिए जाते हैं, लेकिन मुगलसराय कोतवाल पर कोई कायदा-कानून लागू नहीं है। कई साल से ये चंदौली जिले में जमे हुए हैं। ताजा मामला चौथ वसूली का है। पूूूूूर्व पुलिस अफसर अमिताभ ठाकुर ने जनपद के मुगलसराय कोतवाली की वसूली लिस्ट जारी की है। वायरल लिस्ट के मुताबिक कोतवाली की वसूली 35 लाख रुपये प्रति माह होती है, जिसमें सबसे अधिक वसूली 25 लाख गांजा बेचने वाले से होती है।
वायरल ट्वीट के बाद एसपी हेमंत कुटियाल ने इस संबंध में प्रेस रिलीज जारी कर उसे फर्जी बताया और इस कृत्य को आपसी रंजिश की देन बताई। हालांकि एसपी ने इसकी जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंप दी है।
एसपी द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि उक्त वायरल लिस्ट रेखा सिंह नामक महिला के फेसबुक आईडी से पोस्ट की गई है। इस लिस्ट को सौमित्र नामक व्यक्ति ने तैयार किया है। इस व्यक्ति ने अपने पद और प्रभाव के बल पर बनारस के सिगरा इलाके में एक व्यक्ति की जमीन पर कब्जा करा दिया था। बाद में जांच हुुुई तो सच उजागर हुुुुआ। एसपी के मुताबिक मुगलसराय के मौजूदा कोतवाल शिवानंद मिश्रा उस समय सिगरा थानाध्यक्ष के पद पर थे। तभी से सौमित्र शिवानंद के खिलाफ षड्यंत्र रचने का काम कर रहा है।
एसपी के मुताबिक जिस महिला के नाम से यह लिस्ट वायरल हुआ है वह रेखा चौहान है, जो मैनाताली (मुगलसराय) की निवासी है। विवाद की जड़ में नगर पालिका की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला है। उक्त मामले में एनसीआर भी दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय को प्रेषित किया जा चुका है। तभी से वो महिला सोशल मीडिया और अन्य माध्यमोंं से पुलिस की छवि खराब करने में जुटी है।
हालांकि पुलिस अधीक्षक का दावा लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रहा है। एसपी के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि मुगलसराय के कोतवाल सालों से एक ही जगह क्यों तैनात हैं? चंदासी मंंडी में चौथ वसूली की बात किसी से छिपी नहीं है। आरोप हैै कि मुगलसराय नगर में जितने बड़े पैमाने पर गांजे और अन्य मादक पदार्थों की बिक्री होती है, उतनी शायद ही कहीं होती होगी।