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उत्तर प्रदेश संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित, परीक्षा में सफल टॉपर से जानते हैं उनकी सफलता की कहानी और मंत्र
बीएड एग्जाम में टॉप करने वाले पंकज कुमार सीतापुर के रहने वाले हैं। पंकज बताते है कि 2012 में इंटर कम्पलीट किया और फिर लखनऊ आ गए। यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कम्पलीट कर एसएससी और यूपीएसएसएससी की तैयारी करने लगे। कुछ एग्जाम में हुआ नहीं तो कुछ एग्जाम के रिजल्ट ही रुक गए हैं, जोकि अभी तक आया ही नहीं। तब उन्होंने बीएड करने की सोची। उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से फॉर्म भरा और अपनी तैयारी करते रहे। पढ़ाई के दौरान आने वाली मुश्किलों पर पंकज कहते हैं, ''पिता किसान है। भाई भी किसानी करते हैं। पिता चाहते हैं कि मैं कुछ करूं। इसके लिए वह बहुत मेहनत भी करते हैं। लेकिन मध्यमवर्गीय परिवार का होने की वजह से कभी कभार दिक्कत हो जाती है। पढ़ाई के दौरान लखनऊ में साथियों के साथ कमरा किराए पर लेकर रहता हूं। कभी कभार भूखे भी सोना पड़ा या कभी सिर्फ बन्द मक्खन खाकर रात काटनी पड़ी। फिलहाल इस समय युवाओं की स्थिति बड़ी खराब है। बेरोजगारी भयंकर है। जो परीक्षा होती भी है तो वह कभी कोर्ट में फंस जाती है। जिससे समय बर्बाद होता है। अब टीचर बनकर अपने हिसाब से नए बच्चों का भविष्य बनाऊंगा।''
बीएड की प्रवेश परीक्षा में दूसरे स्थान पर आए बिहार के सीतामढ़ी के अजय कुमार ने बताया कि इंटर तक वह बिहार से ही पढ़े हैं। इंटर के बाद उन्होंने बीएचयू से ग्रेजुएशन कम्पलीट किया है। नीट क्वालिफाइड हैं। अब नवोदय विद्यालय में टीचर बनना चाहते हैं। हालांकि लखनऊ विश्वविद्यालय का रिजल्ट आने के दस दिन पहले ही अजय ने आगरा यूनिवर्सिटी में बीएड में एडमिशन ले लिया है। अजय कहते हैं कि मुझे लगता था कि 260 नम्बर तक आ जाएंगे। नहीं पता था कि मैं सेकंड पोजिशन पर आउंगा। हालांकि वह कहते हैं, ''लखनऊ विश्वविद्यालय और आगरा विश्वविद्यालय के फीस स्ट्रक्चर में अंतर है। इसलिए वह अब आगरा से ही पढ़ाई करेंगे। उन्होंने पढ़ाई के दौरान आने वाली परेशानियों के बारे में बताया कि पिता जी बिहार डेवलपमेंट बोर्ड में नौकरी करते हैं। बहुत ज्यादा सैलरी नही है। इसलिए कभी दिक्कत हुई तो खुद ट्यूशन पढ़ाकर काम चला लेता हूँ।"
सफ़लता मंत्र : जीके पर अभ्यर्थी को ज्यादा ध्यान देना चाहिए। क्योंकि मैथ और रीजनिंग सामान्य स्तर का ही आता है। यदि बच्चा गंभीर होकर तैयारी कर रहा है तो बीएड बीट करना बहुत टफ नहीं है।
सफलता की तीसरी कहानी : सिविल सर्विसेज में जाना चाहती हूं, यूट्यूब से की है पढ़ाई
टॉप टेन में चौथे नंबर पर आई झांसी की मनीषा मिश्रा ने 293.333 अंक हासिल किया है। मनीषा कहती हैं कि अभी ग्रेजुएशन का रिजल्ट आना है। मनीषा का ग्रेजुएशन के बाद पहला एग्जाम था। जिसमें उन्होंने सफलता हासिल की है। मनीषा कहती हैं - पापा एडवोकेट हैं। ऐसे में कभी पढ़ाई को लेकर आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा। मेरी रुचि पढ़ाई में शुरू से रही है। हालांकि उनका कहना है कि बीएड के साथ साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी भी करनी है। टीचर ही क्यों बनना है , इस सवाल पर मनीषा कहती हैं- एक टीचर देश का भविष्य बनाने वाले युवाओं को तैयार करता है। अपने आप मे एक नोबल प्रोफेशन है। बस इसी सोच के साथ मैंने बीएड फॉर्म भरा था। मैने बीएड के लिए कोचिंग क्लास नहीं ली बल्कि यूट्यूब से पढ़ाई की है।
सफ़लता मंत्र : बीएड के लिए आज के जमाने मे कोचिंग की जरूरत नहीं है। यूट्यूब पर काफी कुछ है जिससे हम बेहतर पढ़ाई कर सकते हैं। हालांकि जिन्हें लगता है कि वह सोशल मीडिया यूज कर डाइवर्ट हो सकते है तो ऐसे कैंडिडेट दूर ही रहें। बाकी तकनीक के फायदे नुकसान दोनों हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित लखनऊ यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित कराई गई उत्तर प्रदेश संयुक्त प्रवेश परीक्षा (बीएड) का रिजल्ट आज जारी हो गया है। जिसे अभ्यर्थी www.lkouniv.ac.in पर देख सकते हैं। पहले यह परीक्षा अप्रैल में होनी तय हुई थी लेकिन लॉकडाउन के बाद 9 अगस्त को यह परीक्षा आयोजित की गई थी। यह परीक्षा बीती 9 अगस्त को आयोजित की गई थी। प्रदेश के 73 जिलों में बने 1089 केन्द्रों पर 3,57,696 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।