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कर्नाटक के 4 जिलों में कृष्णा और भीम नदी उफान से मचा हाहाकार , सेना, राज्य एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने बचाव कार्य कर हजारों लोगों को निकाला

कर्नाटक के 4 जिलों में कृष्णा और भीम नदी उफान से मचा हाहाकार , सेना, राज्य एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने बचाव कार्य कर हजारों लोगों को निकाला

कर्नाटक के चार जिलों में रविवार को भी बाढ़ के हालात गंभीर बने रहे। यहां कृष्णा और भीम नदी उफान पर हैं और सेना, राज्य एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल बचाव कार्य कर रहे हैं तथा बाढ़ के बीच फंसे हजारों लोगों को निकाला गया है।

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि पिछले हफ्ते हुई भारी बारिश के चलते कलबुर्गी, विजयपुरा, यादगिर और रायचूर जिलों में कई गांव बाढ़ के पानी में पूरी तरह से या आंशिक रूप से डूब गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 अक्तूबर को वह बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई दौरा करेंगे। कर्नाटक आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, बचाव दलों ने अब तक 20,269 लोगों को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों से निकाला है। भारी बारिश होने से तथा पड़ोसी महाराष्ट्र में बांधों से पानी छोड़ने के कारण कर्नाटक के चार जिलों के 111 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण फसलों को भी नुकसान पहुंचा है।

हैदराबाद में लगातार बारिश ने मुसीबत बढ़ाई
हैदराबाद में फिर भारी बारिश हुई। शनिवार शाम 6 बजे शुरू हुई बारिश रविवार सुबह तक जारी रही। 13 अक्तूबर की रात हुई बारिश के बाद जो स्थिति बनी थी, एक बार फिर से शहर में वही हालात पैदा हो गए। कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया। ट्रैफिक जाम हो गया। कार पानी में बहती नजर आई। हाइवे पर गाड़ियां ठहर गई। शहर के बालानगर इलाके की झील ओवरफ्लो हो गई। इसके आसपास के निचले इलाकों में पानी भर गया। मेडचल मलकजगिरी के सिंगापुर टाउनशिप और उप्पल के पास बंडलगुडा में 15 सेमी से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई। इसके साथ ही नामपल्ली, अबिदस, कोठी, बशीरबाग, खैरताबाद, गोशमहल और विजयनगर कॉलोनी में सड़कों पर पानी भर गया। ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (जीएचएमसी) के डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (डीआरएफ) पानी निकालने में जुटी हुई है।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर राज्य के वर्षा प्रभावित किसानों के लिए मदद की मांग करेंगे। मराठवाड़ा में उस्मानाबाद जिले के कांकरबावड़ी, सस्तुर गांवों में सुबह दौरे पर आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश से प्रभावित किसानों से बातचीत की।

महाराष्ट्र के पुणे, कोंकण और औरंगाबाद डिविजन में बारिश और बाढ़ के कारण कम से कम 48 लोगों की मौत हुई है, जबकि लाखों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि बारिश और बाढ़ से पश्चिम महाराष्ट्र के पुणे डिविजन में 29 लोगों की मौत हुई है। मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद डिविजन, जिसमें उस्मानाबाद भी आता है, में 16 लोगों की मौत हुई है। तटवर्ती कोंकण क्षेत्र में तीन लोगों की जान गई। सास्तुर गांव में किसानों से बातचीत में पवार ने कहा-केंद्र सरकार को किसानों की मदद करनी चाहिए और उसके लिए मैं सांसदों के साथ प्रधानमंत्री से भेंट करूंगा। पवार ने कहा कि वह अगले 8-10 दिन में प्रधानमंत्री से मिलने नई दिल्ली जाएंगे।


भारी बारिश के कारण फसल बर्बाद होने से परेशान किसानों ने नांदेड़ जिले में रविवार को महाराष्ट्र के मंत्री विजय वाडेट्टीवार के काफिले को रोक दिया। उन्होंने मंत्री से मांग की कि सर्वेक्षण करने की बजाय सरकार उन्हें तुरंत मदद मुहैया करवाए। 
किसानों ने राज्य आपदा प्रबंधन और राहत एवं पुनर्वास मंत्री से बारिश के कारण अकाल पड़ने की घोषणा करने की मांग की। सरकार को चेतावनी दी कि मांगें पूरी नहीं होने पर वे मुंबई में प्रदर्शन करेंगे। मंत्री जिले में भारी बारिश के कारण पहुंचे नुकसान का आकलन करने पहुंचे थे। बाद में उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार प्रभावित किसानों की मदद करेगी ।