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हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप व उसकी मौत के बहाने प्रदेश में दंगों की साजिश रचने के आरोपियों की बढ़ी न्यायिक हिरासत

हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप व उसकी मौत के बहाने प्रदेश में दंगों की साजिश रचने के आरोपियों की बढ़ी न्यायिक हिरासत

हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप व उसकी मौत के बहाने उत्तर प्रदेश में दंगों की साजिश रचने के आरोप में मथुरा से गिरफ्तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और कैंपस फ्रंस ऑफ इंडिया (सीएफआई) के चारों सदस्यों को अभी 14 दिन और जेल में रहना होगा। सोमवार को मथुरा सीजेएम कोर्ट ने चारों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। इससे 5 अक्टूबर को कोर्ट ने चारों को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था।

सोमवार को एसडीएम डॉ. सुरेश कुमार द्वारा चारों सदस्यों की एसडीएम कोर्ट में ऑनलाइन पेशी की गई। आरोपियों को दंड प्रक्रिया संहिता के 116/3 (शांतिभंग) तहत नोटिस दिया गया और बताया गया कि वह जल्द से जल्द अपनी जमानत के लिए न्यायालय में कागजात पेश करा दें।


उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में पांच अक्टूबर की रात पुलिस ने मांट टोल प्लाजा से चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगी कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया था। उनमें केरल के मल्लपुरम निवासी पत्रकार सिद्दीक कप्पन‚ मुजफ्फरनगर निवासी अतीक उर रहमान‚ बहराइच निवासी मसूद अहमद और रामपुर निवासी आलम शामिल हैं। इनके पास हाथरस गैंगरेप मामले से जुड़ा भड़काऊ साहित्य मिला था। चारों आरोपी दिल्ली से आए थे और हाथरस जा रहे थे। PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है। इसका हेड ऑफिस दिल्ली के शाहीन बाग में है। यह संगठन नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली में हुए दंगों में भी शामिल था।


हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की दलित लड़की से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। परिजन ने जीभ काटने का भी आरोप लगाया था। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी। चारों आरोपी जेल में हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि लड़की के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था।