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देव दीपावली पर आज काशी पहुंचेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 लाख दीयों से रोशन होंगे वाराणसी के गंगा घाट ।
KESHARI NEWS24
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को काशी पहुंच रहे हैं। दोपहर बाद आ रहे पीएम पौने सात घंटे तक यहां प्रवास करेंगे। वह कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित भव्य देव-दीपावली समारोह में शामिल होने के साथ ही दीपदान की छटा भी निहारेंगे। कोरोना काल के बाद पीएम का वाराणसी में यह पहला और कुल 23वां दौरा है। हालांकि लॉकडाउन के दौरान वह वीडियो कांफ्रेसिंग व टेलीफोन के जरिए अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से जुड़े रहे। 9 नवंबर को उन्होंने काशी को 620 करोड़ की 33 परियोजनाओं की सौगात भी थी। अब आज पहुंच रहे पीएम राजातालाब के पास खजुरी में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की 2447 करोड़ रुपये की राजातालाब-हंडिया सिक्सलेन परियोजना का लोकार्पण करेंगे। यहां 5000 भाजपा कार्यकर्ताओं की सभा को वह संबोधित भी करेंगे।
प्रोटोकॉल के मुताबिक वह दोपहर 2.10 बजे अपने विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से सेना के हेलीकॉप्टर से खजुरी में उतरेंगे। करीब नौ माह बाद आ रहे सांसद व पीएम के स्वागत को लेकर काशीवासी उत्साहित हैं। शहर से गांव के चौराहे, सड़क व भवनों को भगवा झंडा से पाट दिया गया। जगह-जगह केंद्र सरकार की योजनाओं व पीएम की उपलब्धियों की होर्डिंग व बैनर भी दिख रहे हैं। रात 8.50 बजे वह दिल्ली रवाना भी हो जाएंगे।
देव दीपावली पर यह पहला मौका होगा कि जब प्रधानमंत्री समोराह के मुख्य अतिथि होंगे। हालांकि विगत सालों में कई प्रधानमंत्री को न्योता भेजा गया था। राजघाट पर शाम करीब सवा पांच बजे प्रधानमंत्री के पहला दीपक जलाने के साथ ही चहुंओर रोशनी से घाट जगमग होंगे। इस वर्ष पहली बार गंगापार में दीपदान के साथ के साथ ही कुल 15 लाख दीपक जलाए जाएंगे। 15 प्रमुख घाटों पर संस्कृति विभाग की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।
दीपदान के बाद पीएम क्रूज के जरिए घंटेभर तक गंगा के दोनों किनारे दीपदान का नजारा लेंगे। राजघाट से रविदास घाट तक गंगा में भ्रमण के दौरान चेतसिंह घाट के सामने रुक कर यहां रामायण पर आधारित लेजर शो भी देखेंगे। इसके पूर्व वह काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने के साथ ही कॉरिडोर के कार्यों का अवलोकन करेंगे। प्रधानमंत्री गंगा घाट से 40 किमी सड़क की यात्रा कर सारनाथ पहुंचेंगे। वह यहां करीब आधे घंटे तक भगवान बुद्ध की जीवन पर आधारित लाइट एंड शो देखेंगे। यह प्रसारण धम्मेक स्तूप के ऊपर दिखाया जाएगा। यहां वह तिब्बती संस्थान के कुलपति व शिक्षकों से मुलाकात भी करेंगे।