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आईपीएल 2020 में इस खिलाड़ी के खराब प्रदर्शन पर भड़के आकाश चोपड़ा, कहा- उन्हें आउट होने से फर्क नहीं पड़ता !

आईपीएल 2020 में इस खिलाड़ी के खराब प्रदर्शन पर भड़के आकाश चोपड़ा, कहा- उन्हें आउट होने से फर्क नहीं पड़ता !

KESHARI NEWS24


नई दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान में कमेंटेटर की भूमिका निभा रहे आकाश चोपड़ा ने दिल्ली कैपिटल्स के इस साल आईपीएल में किए गए प्रदर्शन की समीक्षा की है। इसमें उन्होंने बताया है कि टीम का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा लेकिन दो खिलाड़ी जिनपर टीम को सबसे ज्यादा उम्मीदें थी, वो उन उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। आकाश ने इस खिलाड़ियों में सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का नाम लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली कैपिटल्स ने इन दोनों खिलाड़ियों के इर्द-गिर्द अपनी रणनीति बनाई थी कि पृथ्वी टीम को तेज तर्रार शुरुआत दिलाएंगे और पंत अंतिम ओवरों में आकर मैदान पर चौकों-छक्कों की बारिश करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।


पृथ्वी शॉ की बात करते हुए आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि इस युवा ओपनर ने टूर्नामेंट का आगाज बेहतरीन ढंग से किया था लेकिन फिर उनके प्रदर्शन में गिरावट आई और फिर वो वापसी नहीं कर सके। शॉ को टूर्नामेंट के पहले चरण में सीनियर बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे की टीम टीम में जगह मिली थी, लेकिन वो इसका फायदा नहीं उठा सके और अधिकतर मौके पर जल्दी विकेट गंवाकर पवेलियन लौट गए। आकाश ने इस दौरान शॉ के रवैये की भी आलोचना की जो अक्सर एक ही तरह से आउट होने के बाद भी सीख नहीं रहे थे और उन्हें आउट होने से ज्यादा फर्क भी नहीं पड़ रहा था।

उन्होंने आगे कहा कि वो काफी युवा खिलाड़ी हैं और आपसे हर कोई निरंतरता की उम्मीद करता है। ऐसा संभव है कि एक दिन आपका स्ट्राइक रेट ज्यादा अच्छा न हो लेकिन जब आप अपने रवैये में ही बदलाव न करना चाहते हों तो वहां दिक्कत बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि वो लगभग एक ही स्टाइल में आउट हुए और वो भी बार-बार। अगर आप ऐसा करना जारी रखेंगे तो फिर टीम को भी आपको बाहर करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

उनके प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने टूर्नामेंट के पहले चरण में काफी अच्छी पारियां खेली थीं। इसमें उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 66 रन, जबकि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 42 रनों की बेहतरीन पारी शामिल है। जैसे ही टूर्नामेंट का दूसरा चरण शुरू हुआ, उनके खेल में गिरावट आती गई और निरंतर बनी रही। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 13 मैच खेले जहां उन्होंने 17.53 की खराब एवरेज से 228 रन बनाए। हालांकि इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट अच्छा था जो कि 136 का था।