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यूपी में पश्चिम से पूरब तक बिगड़ी हवा, बनारस का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार

यूपी में पश्चिम से पूरब तक बिगड़ी हवा, बनारस का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार

यूपी में वायु प्रदूषण तेजी से लोगों की सेहत खराब कर रहा है। दिल्ली के पड़ोसी यूपी के पश्चिमी यूपी के जिलों में स्थिति पहले से ही खराब थी, अब यूपी के पूरब में स्थित बनारस तक की हवा बिगड़ चुकी है। वातावरण में धूलकण बढ़ने से यहां की हवा बेहद जहरीली हो गई है। प्रदूषण बढ़ाने वाले सूक्ष्म कणों का पैमाना 300 के पार चला गया है। इसे एयर क्वालिटी इंडेक्स या एक्यूआई कहते हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदूषण कम करने के लिए शहर की सड़कों पर पानी के छिड़काव की योजना बना रहा है।
अर्दली बाजार, भेलूपुर, खोजवां, विनायका, शंकुलधारा आदि इलाकों में धूल की चादर बिछी रही। अच्छी धूप के बावजूद बदली जैसा मौसम लोगों ने महसूस किया। उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने नगर निगम, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों को अलर्ट किया है। इसके बाद अर्दली बाजार, नदेसर में पानी का छिड़काव कराया गया। 

शहर में अचानक प्रदूषण बढ़ जाने से लोगों को खासकर सड़कों पर वाहन चालकों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को मुख्य प्रदूषक तत्व पीएम 10 रहा। इसका अधिकतम स्तर 482 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर व पीएम 2.5 का 387 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। शाम पांच बजे तक एयर क्वालिटी इंडेक्स 317 रहा। जो सामान्य से पांच गुना ज्यादा है। पीएम 10 का स्तर भी सामान्य से करीब पांच गुना दर्ज किया और पीएम 2.5 सामान्य से छह गुना से अधिक रहा। 


शहर में निर्माण स्थलों, सफाई व्यवस्था में मानकों का पालन न होने के कारण वातावारण में धूलकणों की मात्रा बढ़ जाती है। यूपीपीसीबी ने पिछले दिनों नगर निगम को सफाई व्यवस्था के दौरान लगातार पानी का छिड़काव करने को कहा था, लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा नहीं होता है। यूपीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सड़क पर झाड़ू लगाने के बाद कचरा और धूल हटा देना चाहिए। ऐसा हो नहीं रहा है, जिससे हवा चलने पर धूल उड़कर वातावरण में घुल जाती है। 

यूपीपीसीबी ने बड़े होटलों के एसटीपी से आसपास की सड़कों की धुलाई की कार्ययोजना बनाई है। इसके तहत शुक्रवार को नदेसर स्थित एक बड़े होटल की ओर से पानी का छिड़काव किया गया। शनिवार से कैंटोमेंट में भी होटलों की एसटीपी के पानी से छिड़काव शुरू कराया जाएगा। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के भगवानपुर स्थित 10 एमएलडी एसटीपी के पानी से भी आसपास के क्षेत्र में सड़कों की धुलाई के लिए विभागीय स्तर पर बातचीत चल रही है। 


सीपीसीबी के अनुसार 300 से ज्यादा एक्यूआई स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। इस स्थिति में लंबे समय तक बने रहने से स्वस्थ लोगों को भी सांस संबंधी बीमारियां होने का खतरा रहता है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी कालिका सिंह के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब की श्रेणी में दर्ज किया गया। सड़कों की नियमित धुलाई के लिए होटलों से बातचीत की गई है। विभागों को अलर्ट भी भेजा गया है।