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उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के बाद 4 महीने में पटरी पर लौटी यूपी की अर्थव्यवस्था , सरकार के खजाने में बढ़ा राजस्व
उत्तर प्रदेश में लॉक डाउन के बाद जुलाई से शुरू यूपी की अर्थव्यवस्था में सुधार का सिलसिला अक्टूबर में भी जारी रहा। इस महीने में राज्य सरकार को कर व करेत्तर राजस्व के मदों में 10672.79 करोड़ रुपये मिले हैं। पिछले वर्ष अक्टूबर 2019 के मुकाबले यह धनराशि 1828 करोड़ रुपए अधिक है। चार महीनों से पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था में और तेजी आने की उम्मीद की जा रही है।
यह जानकारी राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों से बातचीत में दी है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर के लिए राज्य सरकार ने कर व करेत्तर राजस्व के मद में 12282.86 करोड़ रुपये का लक्ष्य तय था। तय लक्ष्य का कुल 86.9 फीसदी राजस्व मिला। गत वर्ष अक्टूबर के मुकाबले इस वर्ष अक्टूबर में राज्य सरकार को 20.6 फीसदी अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है। अक्टूबर 2019 में कुल 8844.35 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई थी।
इस वर्ष अक्टूबर में जीएसटी व वैट के मद में 5598.27 करोड़ रुपये मिले। यह धनराशि तय लक्ष्य का 80.5 फीसदी है। जीएसटी के मद में 3795.44 करोड़ रुपये आए। यह धनराशि लक्ष्य का 77.8 फीसदी है। इसके अलावा एसजीएसटी के मद में राज्य सरकार को 1777.95 करोड़ और आईजीएसटी के मद में 2017.49 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है। जीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी मद में राजस्व में वृद्धि यह दर्शा रहा है कि अब कारोबारी गतिविधियां फिर से पटरी पर लौट रही हैं।
अक्टूबर में खजाने में कर व करेत्तर राजस्व के विभिन्न मदों से पहुंचे राजस्व बता रहे हैं कि कोरोना संक्रमण से जंग के बीच राज्य की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौटी है। वैट से राज्य सरकार को 1802.83 करोड़ मिले हैं, यह धनराशि लक्ष्य का 86.9 फीसदी है। वैट से मिली धनराशि बता रही है कि राज्य में फर्राटे से लोग वाहनों का प्रयोग कर रहे हैं। पेट्रोल, डीजल की अच्छी बिक्री हुई है।
आबकारी के मद में राज्य सरकार को 2403.20 करोड़ रुपये राजस्व मिले हैं। यह लक्ष्य से आगे यानी 106.8 फीसदी है। आबकारी के मद में लक्ष्य को पार करने का संकेत है कि लोग कोरोना के भय से बाहर निकल कर मौज मस्ती भी कर रहे हैं।
स्टांप व निबंधन के मद में 1805.79 करोड़ रुपये राजस्व आया है। यह धनराशि तय लक्ष्य का 97.1 फीसदी है। यह बता रहा है कि लोग अब अपने सपनों को बुनने लगे हैं। जमीन, मकान, फ्लैट तथा रजिस्ट्री से संबंधित अन्य काम तेजी से हो रहे हैं।
परिवहन के मद में 580.76 करोड़ रुपये मिले हैं। यह लक्ष्य का 70.7 फीसदी है। परिवहन में लक्ष्य से 30 फीसदी पिछड़ने का कारण अंतरराज्यीय बस सेवाओं के सामान्य रूप से नहीं चलना बताया जा रहा है। कुछ पड़ोसी राज्यों में अब भी बसों का आना-जाना शुरू नहीं हो सका है।
भूतत्व एवं खनिकर्म से राज्य सरकार को 284.77 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई है। यह धनराशि तय लक्ष्य का 71.2 फीसदी है। निर्माण कार्यों में तेजी लाने की राज्य सरकार की कोशिशें रंग ला रही हैं। खनन कारोबार रफ्तार पकड़ने लगा है।