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उत्तर प्रदेश में दीपावली से पहले महंगी होगी बिजली या सस्ती, घोषित हो सकती हैं नई दरें

उत्तर प्रदेश में दीपावली से पहले महंगी होगी बिजली या सस्ती, घोषित हो सकती हैं नई दरें

उत्तर प्रदेश राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिजली की नई दरें दीपावली से पहले घोषित हो जाने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि बिजली दरों में कोई वृद्धि शायद इस बार ना हो। शुक्रवार को नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य सलाहकार समिति की वर्चुअल बैठक में पावर कारपोरेशन द्वारा प्रस्तावित नए स्लैब का विरोध किया गया। कोरोना संक्रमण तथा पहले से महंगी बिजली का हवाला देते हुए बिजली दरों में कमी किए जाने का मुद्दा सदस्यों ने उठाया। 

नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति की इस बैठक के दौरान नियामक आयोग के चेयरमैन ने दीपावली तक नई दरों के घोषित करने के संकेत दिए। बैठक शुरू होते ही स्मार्ट मीटर बत्ती गुल, भार जंपिंग का मुद्दा जोरशोर से उठा। सदस्यों ने इसे बड़ा अपराध कहा। कहा कि उपभोक्ताओं को खराब गुणवत्ता वाले स्मार्ट मीटर के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह ने बिजली कंपनियों के बिजनेस प्लान, ट्रूप स्लैब परिवर्तन सहित 2020-21 के लिए बिजली दर के प्रस्ताव से सदस्यों को अवगत कराया। 



अधिकांश सदस्यों ने उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर आयोग से विचार करने को कहा। स्लैब परिवर्तन को मौजूदा समय में नहीं लागू करने की मांग रखी। बिजली दरों में कमी लाने का मुद्दा सदस्यों ने जोर-शोर से उठाया। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार ने विभाग द्वारा उपभोक्ता सेवाओं में सुधार के लिए चल रही योजनाएं और उठाए जाने वाले कदमों को प्रस्तुतिकरण के माध्यम से रखा। सबकी बातें सुनने के बाद नियामक आयोग चेयरमैन ने कहा कि सबकी बातें उन्होंने सुन ली है, जल्द ही बिजली दरों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। 


उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व सलाहकार परिषद के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 2019-20 में जब बिजली दरें बढ़ाई गई थी उसी समय राज्य के उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर उदय व ट्रूप में 13337 करोड़ रुपये निकल रहा था। इसके बाद भी दरें बढ़ा दी गई थीं। जब उपभोक्ताओं का पैसा कंपनियों पर निकल रहा है तो दरों में कमी किया जाना चाहिए। बिजली दरों के जनता प्रस्ताव को लागू करने की मांग की। किसानों व वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के फिक्स्ड चार्ज को समाप्त करने के साथ ही सभी उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 16 फीसदी कमी करने की मांग उठाई। उपभोक्ता सेवा से जुड़े रिक्त पदों को भरने की मांग भी की। स्मार्ट मीटर के संयोजन काटने व जोड़ने के शुल्क को समाप्त करने की मांग भी की। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएसन के पंकज गुप्ता, जेके जूट मिल प्रमोद कुमार मसकरा, इंडियन स्मार्ट ग्रिड फोरम के चेयरमैन रेजी कुमार पिलाई, मीडिया प्रतिनिध अनिल श्रीवास्तव ने स्लैब परिवर्तन अभी नहीं लागू करने तथा बिजली दरों में कमी करने का मुद्दा जोर शोर से रखा। 


बताया जाता है कि स्मार्ट मीटर की दिक्कतों पर चर्चा के दौरान आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह ने कहा कि मैं भी स्मार्ट मीटर उपभोक्ता हूं। पिछले दो माह से बिजली बिल नहीं आया है। आयोग चेयरमैन के इतना कहते ही अपर मुख्य सचिव ऊर्जा ने मीटिंग के दौरान उनका बिल मंगा कर दे दिया। बैठक में नियामक आयोग के सदस्य केके शर्मा तथा बीके श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।