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वाराणसी में देव दीपावली की परंपरा का सरोकार जल ट्रैफिक पुलिस सुरक्षा के बीच मां गंगा पहनेंगी दीपों का चंद्रहार ।
KESHARI NEWS24
वाराणसी। देव दीपावली काशी क्षेत्र का अनोखा जलउत्सव है जहां दीपों की अनगिन लड़ियों से मां गंगा का ही श्रृंगार नहीं होता अपितु सरोवर और अन्य जल स्रोत भी इस दौरान प्रकाशित होते हैं। वहीं 84 घाटों की अर्धचंद्राकार श्रृंखला हार सरीखी पर जगमग दीपक और मां गंगा की महाआरती का मध्यस्थल दशाश्वमेध घाट चंद्रहार के बीच में दिव्य प्रकाश के बीच में लॉकेट सरीखा नदी के मध्य से नजर आएगा।
यह अनुपम छवि देखने के लिए ही गंगा में नौका संचालक ही नहीं बल्कि पर्यटक भी वर्ष भर इंतजार करते हैं। गंगा में चलने वाली नौका और बजड़े महीनों पहले ही बुक हो जाते हैं। वर्ष भर की कमाई का एक बड़ा हिस्सा देव दीपावली पर ही नौका संचालकों को मिल जाता है। हालांकि, कोरोना संक्रमण काल में इस बार देव दीपावली का वह वैभव भले ही नजर न आए मगर पीएम के आगमन के बाद सरकारी आयोजन सरीखी भव्यता इस बार देव दीपावली पर अनोखा अहसास पर्यटकों को कराएगा।
देव दीपावली पर पूर्व के वर्षों से सबक लेते हुए इस बार पीएम के दौरे के बीच गंगा में जल यातायात पर नियंत्रण के बीच राजघाट और विश्वसुंदरी पुल पर जाल फेंककर बाहरी जिलों से आने वाली नौकाओं को रोक दिया गया है। वहीं वाराणसी में पीएम के देव दीपावली पर गंगा में भ्रमण करेंगे तो शेष नौकाओं के संचालन के तौर तरीकों को भी नियंत्रित किया गया है। जबकि नौका संचालकों को परिचय पत्र जारी कर दिया गया है। अब शर्तों के साथ गंगा की लहरों पर आस्था की सवारी शुरू होगी तो पूर्णिमा की रौनक आकाश में पूरे चांद की नहीं बल्कि काशी में दीपों का चंद्रहार पहने मांं गंगा की अनुपम छवि ही चर्चा के केंद्र में रहेगी। गंगा में जल ट्रैफिक का चरम इस दिन होने की वजह से आस्था की कतार को गंगा में नियंत्रण करने के लिए जल पुलिस की भी सकिय भागीदारी बढ़ जाती है।
काशी में दिव्य और भव्य देव दीपावली के अवसर के एक दिन पूर्व बनारस के घाटों पर छाई रौनक और सर्दी के आगमन के साथ बनारस पहुंचे साइबेरियन पक्षियों ने घाटों की सुंदरता का बखान यूपी पर्यटन के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर नजर आया। काशी में गंगा तट और गंगा के लहरों पर सवारी की छवियां भी देव दीपावली के एक दिन पूर्व इंटरनेट मीडिया पर चर्चा बटोरती रही।