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दिल्ली में किसान नेता कृषि कानूनों को रद्द करवाने पर अडिग सरकार ने कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया।
KESHARI NEWS24
नई दिल्ली। केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसानों ने सरकार के आमंत्रण पर मंगलवार को बातचीत की. इस बैठक के बाद किसानों ने जानकारी दी कि 3 दिसंबर को फिर से किसान प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बातचीत होगी. 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में कृषि कानूनों के हर मुद्दे पर एक-एक करके विस्तार से बात होगी. किसान नेता बुधवार को कृषि कानूनों की खामियों की सूची बनाके केंद्र सरकार को सौंपेंगे. वहीं सरकार की तरफ से कमेटी बनाने का भी प्रस्ताव दिया गया है।
केंद्र सरकार के साथ मंगलवार को हुई बैठक में किसान नेताओं ने मीटिंग के दौरान चाय ब्रेक का बहिष्कार कर दिया. किसान नेताओं ने कहा कि देश के किसानों को केंद्र सरकार पर भरोसा नहीं है. इसके अलावा किसान नेताओं ने आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों के लिए मुआवज़े की मांग की है. प्रधानमंत्री के वाराणसी के भाषण पर किसान नेताओं ने कहा कि किसानों के प्रति पीएम की नीति और नीयत ठीक नहीं है और केंद्र सरकार दोहरे मापदंड अपना रही है. किसान नेता कृषि कानूनों को रद्द करवाने पर अडिग हैं.
दिल्ली कूच आंदोलन के चलते आज केंद्र सरकार के निमंत्रण पर किसान संगठनों के 35 प्रतिनिधियों की मीटिंग विज्ञान भवन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल एवम वाणिज्य राज्यमंत्री सोमप्रकाश के साथ हुई. पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजोवाल ने कहा कि ये 3 कृषि कानून पूंजीपतियों के इकोनॉमिस्ट ने बनाये हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन को शांतिपूर्ण चलाना हमारी जिम्मेदारी है और हम आगे भी चलाएंगे. उन्होंने कहा कि ये कृषि कानून मार्किटिंग सिस्टम को तोड़ने की साजिश हैं. उन्होंने अंत में कहा कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपना चाह रही है और इसके लिए सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है.