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चंदौली : श्रमिकों के जान के साथ खिलवाड़ , सुभाष पार्क में बन रही टंकी की सुरक्षा बांस बल्ली पर टिकी

चंदौली : श्रमिकों के जान के साथ खिलवाड़ , सुभाष पार्क में बन रही टंकी की सुरक्षा बांस बल्ली पर टिकी


पीडीडीयू नगर(चंदौली) : जिले में लोगों की प्यास बुझाने के लिए जान हथेली पर रखकर काम करने वाले श्रमिकों के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सुभाष पार्क में बन रही टंकी की सुरक्षा बांस बल्ली पर टिकी हुई है। पेयजल अमृत योजना का इंटरनेशनल सुरक्षा मानक अपनाने की बजाए लापरवाह कार्यदायी संस्था ने देसी मापदंड अपनाया है। 14 करोड़ की पेयजल योजना में ठेकेदारों ने सेंध लगा दिया है। सौ फीट ऊंचाई पर पानी टंकी निर्माण में काकम कर रहे मजदूरों को न तो हेलमेट दिया गया है और न ही बेल्ट। बिना सुरक्षा के श्रमिक काम कर रहे हैं। कागजों पर इंजीनियर तो देखते हैं लेकिन मौके पर बस मजदूर ही नजर आते हैं। नगर के बीचोंबीच जीटी रोड के किनारे सुभाष पार्क में अमृत योजना के तहत टंकी का निर्माण करवाया जा रहा है। नगर के एकमात्र पार्क की सुंदरता को तहस नहस कर दिया गया है। पार्क में ही टंकी बनावाया जा रहा है। जान की परवाह किए बिना श्रमिक काम करने में लगे हुए हैं। मजदूर पर ऊंचाई पर काम करते समय फोन से बात करने लगते हैं। इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। जब मौके पर जिम्मेदार रहेंगे तभी तो सुरक्षा मानक पर ध्यान दिया जा सकेगा लेकिन वे ही मौके से गायब रहते हैं। लोहे की पाइप लगाकर टंकी निर्माण कराने की बजाए बांस बल्ली से निर्माण कार्य चल रहा है। 

सहायक अभियंता को लग चुके हैं फटकार

दो दिन पूर्व टंकी निर्माण का जायजा लेने के लिए जल निगम सहायक अभियंता शिवपूजन सिंह आए हुए थे। यहां उन्होंने सुरक्षा मानक की अनदेखी करने पर नाराजगी जताई और ठेकेदार की जमकर क्लास ली थी। मौके पर जेई को भी खरी खोटी सुननी पड़ी थी। इसके बाद हिदायत दी गई थी कि सुरक्षा मानक पर कोताही न बरतते और गुणवत्ता का भी ध्यान रखें लेकिन कार्यदायी संस्था पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। वाराणसी की पानी टंकियों की तरह ही न हो जाए हाल

टंकी बनवाने में की जाने वाली लापरवाही नगरवासियों के लिए भारी पड़ सकती है। नगर के लोग चितित हैं कि जिस तरह से कार्य में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। कहीं इसका भी पानी टंकी वाराणसी की पानी टंकियों की तरह चूने न लगे। वर्जन..

टंकी निर्माण में सुरक्षा व गुणवत्ता का ध्यान रखने की हिदायत अधिकारियों को दी गई है। कोताही बरती गई तो कंपनी के साथ अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

अनिल चंद्रा, अधीक्षण अभियंता, जल निगम, वाराणसी