UP news
डीएनए टेस्ट तय करेगा धोखेबाज पिता की शिनाख्त, वाराणसी में दो माह के बच्चे का लिया डीएनए सैंपल
इश्क का बुखार जब परवान चढ़ता है तो प्रेमीयुगल सामाजिक बंधन तक को ताख पर रख देते हैंं। परिजन और समाज उन्हें दुश्मन नजर आता है। इश्क में सब कुछ गवां देने के बाद जब धोखा मिलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। हालांकि, कानून सब के लिए एक समान होने से इंंसाफ की आस बची रह जाती है। ऐसे ही एक मामले में मिर्जामुराद क्षेत्र में शारीरिक शोषण करने के आरोप में प्रेमी को जेल भेज दिया गया तो गर्भवती प्रेमिका बिन ब्याही मां बन गई। गोद में नवजात किलकारियांं भरने लगा। मगर, इस प्यार को आखिर क्या नाम दिया जाय कि मासूम शिशु को पिता का साया भी मिल सके। जब प्रेमी ही मुकर जाए तो मासूम को संसार मे लाने वाला आखिर शख्स कौन बचता है? यह तय करने के लिए अदालत ने इस मामले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला को अधिकृत कर दिया।सोमवार को दो माह छह दिन के नवजात शिशु को डीएनए जांंच की अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा। एक ओर जेल में बंद प्रेमी ने मासूम को अपना बच्चा मानने से इंकार कर दिया है तो दूसरी ओर पीडिता ने भी अपने बच्चे को पिता का नाम देने की जिद पकड़ ली है। हाईकोर्ट के आदेश पर सोमवार को पुलिस ने जेल से प्रेमी को लाने के साथ ही मासूम बच्चे को उसकी मां संग कोर्ट में पेश कर मजिस्ट्रेट के समक्ष डीएनए टेस्ट का ब्लड स्वैब सैंपल कराया। डीएनए टेस्ट के लिए जिला अस्पताल से टीम पहुंची थी। पुलिस द्वारा पैतृत्व निदान हेतु ब्लड स्वैब सैंपल को परीक्षण हेतु रात में ही लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया।मिर्जामुराद थानांतर्गत खजुरी पुलिस चौकी में पड़ने वाले वाराणसी-मिर्जापुर सीमा पर स्थित एक गांव निवासिनी 20 वर्षीया अनपढ़ युवती को उसके ही पड़ोस में रहने वाला अंतरजातीय युवक अपने प्रेम जाल में फंसा लिया।इसके बाद शादी का झांसा देकर युवक कई माह तक युवती का शारीरिक शोषण करता रहा। युवती गर्भवती हो गई तो युवती ने शादी की बात की और फिर युवक टाल-मटोल करने लगा। युवक क्षेत्र के ही एक महाविद्यालय में बीए दूसरे वर्ष का छात्र था।बीते छह मई को युवती के पिता ने थाने पहुंच कर प्रेमी युवक सुजीत पटेल के खिलाफ दुराचार और एससी/एसटी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमा दर्ज होने के बाद 18 जून को आरोपी प्रेमी ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद से ही प्रेमी को जेल भेज दिया गया। प्रेमी के जेल जाने के बाद गर्भवती प्रेमिका एक मासूम बच्चे की मां बन गई। उधर, प्रेमी ने हाईकोर्ट में अपील कर दिया कि उसे गलत फंसाया गया है, यह बच्चा उसका नहींं है। इसकी सच्चाई के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाना जरूरी है। पीड़िता ने भी अपने बयान में परीक्षण पर सहमति दे दी थी कि डीएनए टेस्ट से पता चलेगा कि नवजात शिशु का पिता आखिर कौन है। इसके बाद अदालत ने इस मामले में डीएनए रिपोर्ट कराने का आदेश देते हुए जांच आने पर आगे की कारवाई का आदेश दिया है। इसके बाद ही तय होगा कि आखिर इस मासूम का धोखेबाज पिता कौन है।