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अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल के बलिदान दिवस पर गोरखपुर जेल में आयोजित हुए कार्यक्रम

अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल के बलिदान दिवस पर गोरखपुर जेल में आयोजित हुए कार्यक्रम

गोरखपुर मंडलीय कारागार स्थित पंडित राम प्रसाद बिस्मिल शहीद स्‍मारक पर हर साल 19 दिसंबर के दिन गुरुकृपा संस्‍थान की ओर से पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्‍सव का आयोजन किया जाता है. अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा का भी इसमें पूरा सहयोग रहता है. 19 दिसंबर की सुबह 6.30 बजे संस्‍था के पदाधिकारियों ने शंखनाद किया. क्‍योंकि शहीद राम प्रसाद बिस्मिल को उसी समय फांसी दी गई थी. इसके बाद पदाधिकारियों ने सुबह 7 बजे मंडलीय कारागार के कक्ष संख्‍या 7 में भारत माता, शहीद बिस्मिल की आरती और गीता पाठ किया गया. इसी कमरे में शहीद बिस्मिल ने 4 माह 10 दिन गुजारे थे.


गोरखपुर मंडलीय कारागार स्थित पंडित राम प्रसाद बिस्मिल शहीद स्‍मारक पर हर साल 19 दिसंबर के दिन गुरुकृपा संस्‍थान की ओर से पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्‍सव का आयोजन किया जाता है. अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा का भी इसमें पूरा सहयोग रहता है. 19 दिसंबर की सुबह 6.30 बजे संस्‍था के पदाधिकारियों ने शंखनाद किया. क्‍योंकि शहीद राम प्रसाद बिस्मिल को उसी समय फांसी दी गई थी. इसके बाद पदाधिकारियों ने सुबह 7 बजे मंडलीय कारागार के कक्ष संख्‍या 7 में भारत माता, शहीद बिस्मिल की आरती और गीता पाठ किया गया. इसी कमरे में शहीद बिस्मिल ने 4 माह 10 दिन गुजारे थे.गोरखपुर मंडलीय कारागार के वरिष्‍ठ जेल अधीक्षक डा. रामधनी ने कहा कि 19 दिसंबर को पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को इसी जेल में फांसी दी गई थी. उनके इस बलिदान दिवस पर मेले का आयोजन किया गया था. उन्होने बताया कि इस बलिदान स्‍थल को जनता के लिए भी खोल दिया गया है. जिससे यहां पर लोग आकर उनके बलिदान को समझ सकें और प्रेरणा ले सके. लोक गायक राकेश श्रीवास्‍तव ने कहा कि गोरखपुर बहुत ही गौरवान्वित है. इस वीर सपूत को 19 दिसंबर के दिन यहां पर फांसी दी गई थी. उन्‍होंने कहा कि पूरा विश्‍व ये जानता है कि यहां पर पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को फांसी दी गई थी. हमारा सौभाग्‍य है कि हम यहां पर उन्‍हें याद कर नमन करने के लिए जुटे.