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 RTPCR और एंटीजन को चकमा दे रहा कोरोना का नया वायरस

RTPCR और एंटीजन को चकमा दे रहा कोरोना का नया वायरस

गोरखपुर:ब्रिटेन  में म्यूटेट होकर तैयार हुआ कोरोना का नया प्रतिरूप स्वास्थ विभाग के लिए अबूझ पहेली बनता जा रहा है। वायरस में हुए नए म्यूटेशन के बाद से विशेषज्ञ चिंतित हो गए हैं। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि नया वायरस आरटीपीसीआर और एंटीजन किट से जांच को भी गच्चा दे सकता है। इतना ही नहीं अगर संक्रमित की पहचान हुई तो भी नए या पुराने वायरस की पहचान सिर्फ जीन सीक्वेंसिंग से हो सकेगी। जीन सीक्वेंसिंग के लिए नमूना एनआईवी पुणे भेजा जाएगा।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि नए वायरस के जीन में बदलाव हो चुका है। आरटीपीसीआर और एंटीजन में पुराने वायरस के फीचर अपलोड हैं। यह मशीनें अभी तक पुराने वायरस की ही जीन सीक्वेंसिंग को पकड़ने में सक्षम हैं। ऐसे में यह आशंका है कि नया वायरस से संक्रमित का नमूना निगेटिव आ जाए। इसको लेकर भी ठोस तौर पर नहीं कहा जा सकता।

उन्होंने बताया कि संक्रमित ब्रिटेन में विकसित हुए नए वायरस के संक्रमित का पता करना भी कठिन चुनौती है। यूके की तरफ से आ रहे लोगों में अगर कोई पॉजिटिव मिलेगा तो उसके नमूने को जीन सीक्वेसिंग के लिए एनआईवी पुणे में भेजा जाएगा। वहां से रिपोर्ट मिलने के बाद ही तय हो सकेगा कि संबंधित व्यक्ति नए वायरस से संक्रमित है या पुराने से। यह प्रक्रिया जटिल हो गई है। इसमें समय भी अधिक लगेगा। यह खर्चीली भी है।