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UP : अब एयरपोर्ट, विशेष ट्रेनों और क्रूज में भी खुलेंगे बार, यूपी में लाइसेंस की प्रक्रिया को किया गया सरल
उत्तर प्रदेश में बार लाइसेंस की जटिल प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है। शासन स्तर से अनुमोदन और मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति को समाप्त करके जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति पर आबकारी आयुक्त को स्वीकृति देने का प्रावधान किया गया है।
यही नहीं नए नियमों में अनुमोदन की कार्यवाही का विकेंद्रीकरण और प्रक्रिया को सरल करते हुए ट्रांजेक्शन स्तरों की संख्या 28 से घटकर अब आठ रह जाएगी। इससे उद्योग के स्वीकृति लाइसेंस में स्वीकृति में शीघ्रता होगी और राजकोष की आय बढ़ेगी। इसके साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एयरपोर्ट, विशेष ट्रेनों और क्रूजों में भी बार लाइसेंस स्वीकृत किए जाने की व्यवस्था की गई है।
उत्तर प्रदेश की कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश आबकारी (बार लाइसेंसों की स्वीकृति) नियमावली-2020 में परिवर्तन किया है। बार का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन के समय परिसर में रेस्टोरेंट का संचालित होने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। आबकारी आयुक्त के अनुमोदन के बाद लाइसेंस फीस जमा करने के समय तक परिसर में रेस्टोरेंट संचालित होना अनिवार्य किया गया है।एयरपोर्ट, विशेष ट्रेनों में भी बार लाइसेंस : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एयरपोर्ट, विशेष ट्रेनों और क्रूजों में भी बार लाइसेंस स्वीकृत किए जाने की व्यवस्था की गयी है। पारदर्शिता के लिए लाइसेंस स्वीकृति की प्रक्रिया आनलाइन होगी। प्रत्येक बार और क्लब को जियो टैग किया जाएगा। यह कदम ईज आफ डूइंग बिजनेस के लिए उठाया गया है।
लाइसेंस भले किसी महीने में स्वीकृत हो, लेकिन फीस पूरे सालभर की ली जाती थी। अब जिस महीने से लाइसेंस स्वीकृत होगा उसके पहले के तीन माह की फीस में छूट दी जाएगी। बार लाइसेंस के लिए परिसर में न्यूनतम कुर्सी क्षेत्रफल दो सौ वर्गमीटर व न्यूनतम 40 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था होने की अनिवार्यता रखी गई है .