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वाराणसी : एक जनवरी से चलेगी गोरखपुर-लखनऊ-वाराणसी इंटरसिटी, यात्रियोंं को देना होगा अधिक किराया
वाराणसी : सामान्य दिनों में इंटरसिटी से गोरखपुर से वाराणसी जाने में यात्रियों को जहां महज 90 रुपये खर्च करने पड़ते थे। कोरोना काल में उन्हें जनरल कोचों में भी आरक्षित टिकट के नाम पर कम से कम 105 रुपये या उससे अधिक देने पड़ सकते हैं। यही स्थिति गोरखपुर से लखनऊ के बीच चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस में भी होगी। जनरल कोचों में भी लोगों को 110 की जगह कम से कम 135 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे की 4 इंटरसिटी सहित कुल छह एक्सप्रेस को चलाने की अनुमति तो प्रदान कर दी है, लेकिन जनरल टिकटों की बिक्री शुरू न कर लोगों की परेशानी भी बढ़ा दी है। आरक्षित टिकटों के नाम पर जनरल के यात्रियों को भी 10 से 30 रुपये अधिक देने पड़ सकते हैं। स्पेशल व कोचों के रखरखाव के नाम पर जनरल ही नहीं वातानुकूलित श्रेणी के टिकटों का किराया भी 40 से 100 रुपये तक बढ़ सकता है।फिलहाल, ट्रेनों को चलाने की हरी झंडी मिलते ही पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। रेकों में लगने वाले कोच दुरुस्त किए जा रहे हैं। ट्रेनों को चलाने की तिथि को लेकर परिचालन विभाग के अधिकारियों के बीच मंथन शुरू है। पहली जनवरी से ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। जानकारों के अनुसार रेलवे बोर्ड ने अभी टिकटों और किराए को लेकर अभी तक कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है। रेलवे प्रशासन घोषित नई ट्रेनों में भी पहले से चल रही स्पेशल की तरह आरक्षित टिकटों को ही लागू करने की तैयारी कर रहा है। कंफर्म टिकटों पर ही यात्रा की अनुमति होगी। कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य होगा। एक से दो दिन में बोर्ड का दिशा-निर्देश मिल जाने के बाद स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी।
रेलवे बोर्ड स्पेशल ट्रेनों में 100 किमी से कम दूरी का आरक्षित टिकट लेने पर भी कम से कम 100 किमी का किराया वसूल रहा है। यही नियम इंटरसिटी में लागू हुआ तो लखनऊ रूट पर खलीलाबाद तक की यात्रा करने वाले लोगों को गाेंडा तक का किराया देना होगा। वाराणसी रूट पर देवरिया जाने वाले लोगों को बेल्थरारोड तक का किराया देना होगा।