
वाराणसी : कैंट स्टेशन पर मानक के विपरीत फलों की बिक्री के मामले में रेलवे प्रशासन ने ठेकेदारों से जवाब तलब किया है। कारण बताओ नोटिस के बाद यथोचित कार्रवाई किए जाने की संभावना है।
एक दिन पहले उच्चाधिकारियों के निर्देश पर खानपान निरीक्षक व आरपीएफ एवं जीआरपी टीम ने प्लेटफार्म पर बिना रेट लिस्ट के फल बिक्री का काम बंद करा दिया था। इस कार्रवाई का असर यात्री सुविधाओं पर भी पड़ा। पूरे दिन यात्रियों को सेब, अमरूद और केला के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। कार्रवाई के बाद लामबद्ध वेंडर और उनके परिवारीजनों ने स्टेशन निदेशक से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि ठीकेदारों ने उन्हें कभी कोई रेट लिस्ट उपलब्ध नहीं कराई। कैंट स्टेशन पर लंबे समय से उनका जीविकोपार्जन चल रहा है। आधा जीवन व्यतीत कर चुके वेंडरों के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। आरोप लगाया कि गड़बड़ी उजागर करने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। वेंडरों का मेडिकल पास (वैधता प्रपत्र) निरस्त करने की भी साजिश रची जा रही है। वेंडरों की बात सुनने के बाद निदेशक आनंद मोहन ने उन्हें आश्वस्त किया कि मेडिकल पास में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। किसी को बाहर नहीं निकाला जाएगा। नियमों का पालन करते हुए फलों की बिक्री जारी रखें। वेंडरों में संजय सोनकर, दीनानाथ, सुनील जायसवाल, राजकुमार, मोहम्मद फिरोज, मोहम्मद नौशाद, सोनी प्रिया आदि ने मुलाकात की। सामने आया बड़ा खेल : ढाई महीने पहले ठीकेदार और वेंडरों के बीच किराए को लेकर उपजे विवाद के बाद बड़ा खेल उजागर हुआ। अनुबंध को दरकिनार कर लंबे अरसे से वेंडरों से किराया वसूले जाने का मामला प्रकाश में आया। पूरे प्रकरण की पड़ताल के बाद रेलवे ने संबंधित ठीकेदारों को नोटिस जारी कर दिया है। बड़ा सवाल यह है कि लंबे समय से चल रहे इस खेल के बावजूद संबंधित अधिकारी मौन क्यों रह गए। वेंडरों की तकरार बढ़ने पर सितंबर में उक्त बातें सामने आई।