
National
कोरोना के खिलाफ एक साल में निर्णायक मुकाम पर पहुंची लड़ाई, 17 जनवरी 2020 को हुई थी पहली बैठक
नई दिल्ली । कोरोना के खिलाफ भारत ने ठीक एक साल पूर्व जंग की शुरूआत की थी। 17 जनवरी 2020 को पहली बार कोरोना की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में पहली बैठक हुई थी और चीन यात्रा को लेकर ट्रैवल एडवाइजरी जारी हुई थी। तब देश में कोई मामला नहीं था, लेकिन ठीक एक साल के बाद भारत ने कोरोना के विरुद्ध जंग में आखिरी हथियार टीके का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। भारत दुनिया का पहला देश है जिसने एक साथ दो टीकों के साथ 30 करोड़ लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीके लगाने का अभियान शुरू किया है।
17 जवनरी 2020 को ज्वाइंट मॉनीटरिंग ग्रुप की बैठक के बाद एयरपोर्ट पर चीन से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद चीन से आया कोरोना का पहला संक्रमण 30 जनवरी को केरल में मिला। उसके बाद भी दो और मामले केरल में आए और इसके बाद कई अन्य शहरों में कोरोना रोगी मिलने लगे। कोरोना के विरुद्ध जंग में भारत ने टीके के निर्माण को प्राथमिकता दी। देश में अपना टीका भी बनाया और सीरम इंस्टीट्यूट जैसी बड़ी टीका कंपनियों ने विदेश फार्मा कंपनियों से भी समझौते किए। इसका परिणाम यह हुआ कि दो टीकों के साथ देश में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई है तथा दोनों टीके देश में निर्मित हुए हैं।
देश में जिस वक्त टीकाकरण शुरू हुआ है, उस समय कोरोना के मामलों में गिरावट का रुझान है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं अग्रिम पंक्ति के कार्मिकों को टीका लगने से अगले डेढ़ महीनों के भीतर संक्रमण में भारी गिरावट आएगी। क्योंकि संक्रमण के प्रसार में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं अग्रिम पंक्ति के कार्मिकों की भूमिका ज्यादा होती है। वे मरीज के संपर्क में होते हैं इसलिए वे संक्रमण के प्रसार की अहम कड़ी हैं। उम्मीद है कि डेढ़ महीने के बाद यह चेन टूटने लगेगी।
अगला चरण निर्णायक होगा : स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का माना है कि अगले तीन दो महीनों के दौरान पहले चरण के पूरा होने की संभावना है। इसके बाद मार्च में उन 27 करोड़ लोगों के समूह को टीका लगना शुरू हो जाएगा, जिनमें 50 साल से ऊपर की आयु के लोग और 50 से कम आयु के बीमार शामिल हैं। यह कार्य जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस समय को टीका कवच मिलने के बाद कोरोना की महामारी करीब-करीब काबू में होगी।
बाजार में होंगे कई टीके : स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो जून-जुलाई तक कोरोना के कई टीके बाजार में होंगे। दरअसल, इन दो टीकों के अलावा देश में चार और टीके विभिन्न चरणों में हैं। इन चारों या इनमें से कुछ को तब तक मंजूरी मिल सकती है। इतना ही नहीं विदेशों में बने कुछ अन्य टीकों को भी तब तक देश में बिक्री की इजाजत मिल सकती है।
पहले दिन के टीकाकरण कार्यक्रम से यह तो साबित हो गया है कि दोनों टीके सुरक्षित हैं। लेकिन ये टीके कितने समय तक लोगों को कोरोना से सुरक्षा कवच देंगे यह पता नहीं है। दरअसल, दुनिया में किसी टीके को लेकर अभी तक कोई आकलन नहीं हुआ है कि वह कितने समय तक प्रभावी रहेगा। लेकिन एक हालिया अध्ययन यह कहता है कि संक्रमण के बाद एक बार एंटीबॉडीज बनने पर 83 फीसदी लोगों में पांच महीने तक मौजूद रहती हैं। लेकिन टीके से बनने वाली एंटीबाडीज पर भी यही बात लागू होगी या नहीं, अभी कहना मुश्किल है।