Headlines
Loading...
बिपिन रावत ने किया चीन से सटे सैन्य अड्डों का दौरा, बोले- मुश्किल हालातों में सीमा की हिफाजत करना जानती है भारतीय सेना

बिपिन रावत ने किया चीन से सटे सैन्य अड्डों का दौरा, बोले- मुश्किल हालातों में सीमा की हिफाजत करना जानती है भारतीय सेना

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश और असम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट अग्रिम इलाकों में स्थित विभिन्न वायुसेना अड्डों का दौरा कर भारत के पश्चिमी क्षेत्र में सुरक्षा हालात जायजा लिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। जनरल रावत ने शनिवार को बतौर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ एक साल पूरे कर लिए।

सूत्रों ने कहा कि जनरल रावत ने अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी और लोहित सेक्टर समेत विभिन्न अड्डों पर तैनात सेना, आईटीबीपी और विशेष सीमांत बल (एसएफएफ) के सैनिकों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने प्रभावी निगरानी बनाए रखने और अभियानगत तैयारियां बढ़ाने के वास्ते अभिनव कदम उठाने के लिए सैनिकों की सराहना की।

सूत्रों के अनुसार, जनरल रावत ने कहा कि ऐसी ''चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों'' में केवल भारतीय सैनिक ही सतर्क रह सकते हैं और सीमाओं की सुरक्षा के लिए हमेशा अपने कर्तव्यों से आगे बढ़कर काम करने के लिए तत्पर रहे हैं। सूत्रों ने सीडीएस के हवाले से कहा, ''भारतीय सशस्त्र बलों को उनके कर्तव्यों को लेकर दृढ़ संकल्प रहने से कोई चीज नहीं रोक सकती।''हाल ही में चीन ने लद्दाख के बाद अरुणाचल से सटे इलाकों में भी अपनी पहुंच बनानी शुरू कर दी है। ऐसे में बिपिन रावत का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। दरअसल, चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा के पास तिब्बत के ल्हासा और नयींगशी शहरों को जोड़ने के लिए रेल पटरी बिछाने का काम 31 दिसंबर को पूरा कर लिया है। शिचुआन-तिब्बत रेलवे, शिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदु से शुरू होता है और यह यान से गुजरते हुए और छामदो होते हुए तिब्बत में प्रवेश करता है। इस रेलमार्ग से चेंगदु और ल्हासा के बीच यात्रा में लगने वाला समय 48 घंटे से घटकर 13 घंटे रह गया है। तिब्बत की राजधानी ल्हासा और पूर्वी तिब्बत में स्थित नयींगशी को जोड़ने वाले इस रेल मार्ग का निर्माण कार्य 2014 में शुरू हुआ था।दूसरी ओर, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से चल रहा विवाद अभी तक थमा नहीं है। राजनयिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता भी विवाद को सुलझाने में नाकाम रही है। हालांकि, दोनों ही देश सीमा विवाद को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और नौंवे दौर की वार्ता जल्द होने की उम्मीद है।चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल तान केफेई तान ने बीते गुरुवार को एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच आठवें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बाद से ही दोनों पक्षों ने अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों की वापसी पर चर्चा जारी रखी है। मई में शुरू हुए गतिरोध के समाधान के लिए भारत और चीन कई दौर की सैन्य तथा कूटनीतिक स्तर की वार्ता कर चुके हैं।