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महाराजगंज : मिशन शक्ति अभियान के नायिका मेगा इवेंट्स में आठ बेटियों ने एक दिन के लिए अधिकारियों की कुर्सी संभाली

महाराजगंज : मिशन शक्ति अभियान के नायिका मेगा इवेंट्स में आठ बेटियों ने एक दिन के लिए अधिकारियों की कुर्सी संभाली

महाराजगंज । मिशन शक्ति अभियान के नायिका मेगा इवेंट्स के तहत सोमवार का दिन महराजगंज जिले की आठ छात्राओं के लिए यादगार बन गया। इन आठ बेटियों ने आठ अधिकारियों की कुर्सी संभाली और कामकाज निपटाया। अधिकारी बनने का पहला अनुभव पाकर बेटियों की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। छात्राओं ने विकास के लिए जहां सुझाव दिए, वहीं शिकायतों के निपटाने के अपने तरीके भी बताए। छात्राओं ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला पिछडा़ वर्ग कल्याण, जिला दिव्यांग एवं सशक्तिकरण अधिकारी, महिला कल्याण अधिकारी, विधि परिवीक्षा अधिकारी, बाल संरक्षण अधिकारी बनकर इन अधिकारियों की कुर्सी संभाली।


आरपी इंटरमीडिएट कालेज सिसवा बाजार की कक्षा दस की छात्रा खुशी सोनी ने सोमवार को एक दिन की अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की कुर्सी संभाली। एडीएम कुंज बिहारी अग्रवाल बगल में बैठे रहे। एडीएम बनने के बाद खुशी के चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट बनी रही। बड़ी ही उत्सुकता से एक अधिकारी की तरह कामकाज किया। नियमित रूप से विद्यालयों का निरीक्षण करने व चतुर्दिक विकास के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने का सुझाव दिया। इस दौरान वहां मौजूद लोगों को मतदाता दिवस की शपथ भी दिलाई। उसने भविष्य में एडीएम बनने का संकल्प भी लिया। 

शिवम सरस्वती इंटरमीडिएट कालेज पोखरभिंडा पटखौली की कक्षा 12 की छारत्रा जिला प्रोबेशन अधिकारी की भूमिका में रही। वह जिला प्रोबेशन अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर महिलाओं के कल्याण से संबंधित योजनाओं व उसकी प्रगति की जानकारी ली। प्रगति संतोषजनक नहीं मिलने पर निराश्रित महिला पेंशन की जांच के लिए निर्देश दिया। कहा कि कानून व्यवस्था व योजनाएं धरातल पर दिखनी चाहिए। कागजी कोरम पूरा न करें। एक दिन के अधिकारी बनने के अनुभव से प्रेरित होकर आंचल ने महिलाओं व बालिकाओं के क्षेत्र में काम करने का संकल्प लिया। 

प्रेमलाल सिंघानिया कन्या इंटर कालेज सिसवा बाजार की कक्षा 12 की छात्रा सिद्धि अग्रवाल एक दिन के लिए बाल संरक्षण अधिकारी बनी। इस दौरान सिद्धि काफी उत्साहित नजर आयी। एक अधिकारी की तरह उसने कर्मचारियों से बातचीत की और निर्देश दिया। कहा कि बालकों के लिए योजनाएं कागज में कम हकीकत में अधिक दिखनी चाहिए। समाज के भूले भटके व संरक्षण वाले बालक बालिकाओं को समाज की मख्य धारा से जोड़ने का कार्य युद्ध स्तर पर करें।  


प्रेम लाल सिंघानिया कन्या इंटर कालेज की कक्षा 12 की छात्रा सौम्या अग्रवाल सह परिवीक्षा अधिकारी के पद पर कार्य की। उसने सबसे पहले अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक कर महिलाओं व बालिकाओं की योजनाओं व उसकी बेहतरी के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा की। कहा कि गांवों में कैम्प लगाकर महिलाओं व उनके अधिकारों की जानकारी दी जाए।


यूनिक साइंस एकेडमी की कक्षा छह की छात्रा महिला कल्याण अधिकारी बनकर कार्य की। महिलाओं व बालिकाओं के लिए जितनी भी योजनाएं चलायी जा रही हैं सभी की बिन्दुवार समीक्षा की। लंबित फाइलों के बारे में भी जानकारी ली। कहा कि अधिकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को समझें और फाइलों को लंबित न रखें। महिला काउंसलर महिलाओं की अच्छे से काउंसिलिंग कर परिवार को जोड़ें। उन्हें टूटने से बचाएं। 


पंडित दीनदयाल इंटर कालेज की कक्षा 11 की छात्रा दिव्यांक्षी चौधरी जिला समाज कल्याण अधिकारी बनकर कार्य कीं। उसने कुर्सी पर बैठते ही अधिकारियों व कर्मचारियों बैठक बुलाई। वृद्धावस्था पेंशन, सामूहिक विवाह योजना की समीक्षा की। इसमें पाया कि अधिकांश आवेदन का सत्यापन ब्लाक स्तर पर लंबित है। तत्काल निर्देश जारी किया कि सभी बीडीओ 15 दिन के अंदर सत्यापन कार्य पूरा कर लें। संबंधित पटल सहायक निष्ठा से कार्य करने का निर्देश दिया। 

अलका बनी जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी
पंडित दीनदयाल इंटर कालेज की कक्षा 11 की छात्रा अलका जिला दिव्यांग सशक्तिकरण अधिकारी की भूमिका में रही। दिव्यांगजन योजनाओं के लाभार्थियों, उपकरण आदि का जायजा लिया। पूछा कि कौन कौन सी योजनाओं से कितने को लाभ मिला है। गांवों में कैम्प लगाकर शतप्रतिशत दिव्यांगों को दिव्यांग पेंशन व उपकरण वितरित कराने का निर्देश दिया। कर्मचारियों को निर्देश दिया कि कोई दिव्यांग कार्यालय में आए तो उससे सम्मानजक तरीके से बैठाएं।