Headlines
Loading...
देश के कृषि मंत्रालय को नया रूप देने की तैयारी में मोदी सरकार , किसानों को मिलेगा बेहतर लाभ

देश के कृषि मंत्रालय को नया रूप देने की तैयारी में मोदी सरकार , किसानों को मिलेगा बेहतर लाभ

 नई दिल्ली। कृषि के क्षेत्र में तीन बड़े बिल के जरिए बड़े बदलाव की पहल कर चुकी मोदी सरकार अब कृषि मंत्रालय के स्वरूप में भी बड़े बदलाव की तैयारी में है। इसके तहत खेती और दूसरी ऐसी गतिविधियों से जुड़े मंत्रालयों को एक साथ जोड़ कर कृषि मंत्रालय को एक बड़ा स्वरूप दिया जा सकता है। इस तरह मंत्रालय का आकार काफी बड़ा हो जाएगा और साथ ही इसका बजट भी काफी बढ़ जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर तैयारियां प्रारम्भ हो चुकी हैं और अगले कैबिनेट विस्तार में बदला स्वरूप लोगों के सामने आ सकता है। केंद्र सरकार का तर्क है कि इससे किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य भी जल्द प्राप्त होगा। कृषि विशेषज्ञ इस कदम को किसानों के लिए हितकारी बता रहे है। उनका कहना है कि इससे योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन होगा।

खेती से जुड़े रसायन और उर्वरक मंत्रालय, मत्स्य पालन, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और उपभोक्ता मामले, खाद्य और लोक वितरण मंत्रालय अलग-अलग हैं। हालांकि इनमें से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग यानी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री मंत्रालय का जिम्मा कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के ही पास है। लेकिन रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा हैं। उपभोक्ता मामले, खाद्य और लोक वितरण मंत्रालय का जिम्मा पीयूष गोयल के पास है। इसी तरह मत्स्य पालन, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन का जिम्मा गिरिराज सिंह के पास है।

पहले कार्यकाल में भी हुआ था मंत्रालय में बदलाव
केंद्र में पहली बार मोदी सरकार बनने के अगले साल वर्ष 2015 में भी सात दशक पुराने इस कृषि मंत्रालय का नाम बदल कर कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय रखा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को इसकी घोषणा लाल किले से की थी। इसके बाद किसान कल्याण के लिए मंत्रालय ने अलग से अधिकारियों की नियुक्ति की थी। आजादी से पहले यह राजस्व और कृषि विभाग के तहत आता था।

मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल में वर्ष 2019 में जल से जुड़े सभी मन्त्रालयों को एक साथ जोड़ कर भारी-भरकम जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया था। इसके तहत बड़े बजट की हर घर नल की महत्वाकांक्षी योजना का जिम्मा दिया गया है।