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वाराणसी - नई दिल्ली के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन चलाने के लिए सर्वे शुरू, नोएडा से लीडार सर्वेक्षण
वाराणसी से नई दिल्ली के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन चलाने की दिशा में हाईस्पीड रेल कॉरिडोर कॉर्पोरेशन एक पायदान और बढ़ चुका है। इस योजना को जल्द ही मूर्त रुप देने के लिए 27 दिन बाद रविवार को ग्रेटर नोएडा में लीडार तकनीकी से सर्वे शुरू कर दिया गया। पहले दिन इमेजरी सेंसर से लैस एक हेलिकॉप्टर ने उड़ान भर जमीनी सर्वे करते हुए सर्वेक्षण से संबंधित कई महत्वपूर्ण आंकड़ों को कैप्चर किया।
गौरतलब है कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग सर्वे (लीडार)तकनीक को अपना रहा है। जो तीन से चार माह में सभी जममीनी विवरण और डेटा मुहैया करती हैै जबकि सामान्य रुप से इस कार्य में 10 से 12 माह का समय लगता है। इस सर्वेक्षण संरेखण के आसपास के क्षेत्रों का सटीक विवरण प्रदान करता है। इस विधि से तीन सौ मीटर (दोनों ओर 150 मीटर) क्षेत्र पर सर्वेक्षण किया जार हौ। संरेक्षण संरचनाओं स्टेशनों और डिपो का स्थ्ज्ञान गलियारे के लिए भ्ज्ञूमि की आवश्यकता परियोजना प्रभावित भूखंडों संचरचानाओ की पहचान राइट आॅफ वे आदि के लिए आंकड़ों के संग्रह के बाद 1: 2500 के पैमाने पर प्रस्तावित संरेखण के दोनों ओर 50 मीटर कॉरिडोर के तीन आयामी (3डी) स्थलाकृतिक मानचित्र उपलब्ध होंगे। स्पष्ट तस्वीरों को प्रदान करने के लिए लीडार सर्वेक्षण के लिए 60 मेगाफ्क्सिेल कैमरा का उपयोग किया गया है।
इन स्थानों को जोड़ेगा यह कॉरिडोर
दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए इस परियोजना को मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी व अयोध्या जैसे प्रमुख शहरों के स्टेशन को जोड़ने की तैयारी है। नोएडा के जेवर में प्रस्तावित अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी जोड़ने की तैयारी हैे।