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वाराणसी : पर्यटन स्थलों पर बनेंगा हेल्प डेस्क, प्रशिक्षित महिला व पुरुष पुलिसकर्मियों की होगी तैनाती

वाराणसी : पर्यटन स्थलों पर बनेंगा हेल्प डेस्क, प्रशिक्षित महिला व पुरुष पुलिसकर्मियों की होगी तैनाती


वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में पर्यटकों की सुरक्षा भी एक हिस्सा है। इसके लिए मुकम्मल व्यवस्था की जा रही है। उनकी सुरक्षा व शिकायतों के निस्तारण के लिए सारनाथ में थाना काम कर रहा है। साथ ही सभी पर्यटन स्थलों पर हेल्प डेस्क खोलने की कवायद चल रही है। इन हेल्प डेस्कों पर महिला व पुरुष पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जोन के अपर पुलिस महानिदेशक बृज भूषण शर्मा ने पीटीआई को अनौपचारिक बातचीत में यह जानकारी दी ।  

पुलिस की कार्यप्रणाली में हो रहे बदलावों के संबंध में पूछ गए सवाल के बाबत उन्होंने बताया कि पुलिस की कार्यप्रणाली हाईटेक हो गई है। इसने पुलिसिंग को सरल व गुणवत्ता परक बनाया है। चाहे डायल 112 सेवा हो या महिला हेल्प लाइन नंबर 1090 हो। त्वरित कार्रवाई की दिशा में इनके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। शिकायतों के गुणवत्ता परक निवारण के लिए समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली के परिणाम देखने को मिल रहे हैं। आनलाइन एफआइआर भी इसका एक अंग है।

अपराधियों की निगरानी आसान

सीसीटीवी कैमरा पुलिस की कार्यप्रणाली में वरदान साबित हो रही है। इससे अपराधियों की निगरानी आसान हो गई है। आपराधिक घटनाएं होने के बाद उसे उजागर करने में भी इन कैमरों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अपराध को रोकने में भी इसका योगदान है।


जाम की समस्या स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ रहे कदम के लिए नासूर है। इसके निवारण में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर काम हो रहा है। चौराहों पर कैमरे लगाए गए हैं। इसे मुख्य रूप से तीन भागों में बांट कर काम किया जा रहा है। पहला है शिक्षा, जिसमें लोगों को यातायात के प्रति जागरूक किया जा रहा है। सिविक सेंस जगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उत्तरदायित्व को बोझ नहीं समझना होगा। रास्ते किसी के वास्ते नहीं रुकते, हम रास्तों को अपने हिसाब से मोड़ भी नहीं पाते। हमें खुद रास्तों के साथ कदमताल करना होता है। रास्तों पर चलने का ढंग और सलीका भी नियत है। उन रास्तों पर दूसरों को पछाड़ देने की कसरत में कभी कभी हम तमाम हसरतों को भी तोड़ बैठते हैं। जिसको जल्दी होती है वह चला ही जाता है, आप धीरे भी चल सकते हैं क्योंकि किसी न किसी को आपका इंतजार रहता है। अपने लिए न सही उन लोगों के लिए सड़क नियमों का अनुपालन करें जिनको आपका इंतजार रहता है। दूसरा है इंजीनियङ्क्षरग जिसमें आते हैं संसाधन, जैसे पार्किंग, जेब्रा लाइन आदि। इसके लिए पुलिस के अलावा अन्य विभागों के सहयोग की आवश्यकता होती है। तीसरा है इनफोर्समेंट। यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए समय समय पर अभियान चलाया जा रहा है। नियम तोडऩे वालों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है।


संगठित अपराध पर नियंत्रण के लिए शासन प्रतिबद्ध है। अपराधियों व माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उनके आर्थिक तंत्र पर करारा प्रहार किया जा रहा है। इसी के तहत जोन में अपराधियों की करीब 365 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त व नष्ट की गई है। करीब 60 करोड़ की आय पर रोक लगाई गई है।