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वृंदावन कुंभ मेला 2021 : यमुना के तट पर बह रही भक्ति की रसधार, 27 फरवरी को पहला शाही स्नान
मथुरा । तीर्थनगरी वृंदावन के कुंभ बैठक मेले में साधु-संतों और श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने लगी है। यमुना के तट पर बसे कुंभ नगर में प्रवेश करते ही आस्था के अद्भुत रंगों का दर्शन हो रहा है। संत-महात्माओं की चहल-पहल के बीच आकाश में गूंजते श्रीमद्भागवत और श्रीराम कथा के स्वर श्रद्धालुओं को आनंदित कर रहे हैं। बता दें कि वृंदावन कुंभ का पहला शाही स्नान 27 फरवरी को है।
हरिद्वार से पहले आरंभ हुए वृंदावन कुंभ में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। करीब 56 एकड़ क्षेत्र में फैले कुंभ नगर में अद्भुत नजारे अब दिखाई देने लगे हैं। खासकर विभिन्न पंडालों में चल रहे धार्मिक आयोजन यहां लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
कुंभ क्षेत्र में संतों के दर्शन के अलावा अनेक पंडाल में श्रीमद्भागवत और रामकथा हो रही हैं। प्रवचनों का दौर भी चल रहा है। ब्राह्मण सेवा संघ के पंडाल में रास का आयोजन हो रहा है तो अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के पंडाल में आचार्य अनिरुद्धाचार्य श्रीमद्भागवत कर रहे हैं।
श्रीराधा श्याम सुंदर मंदिर के पंडाल में आचार्य मारुतिनंदन और काठिया बाबा आश्रम के पंडाल में भी धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। इनके अलावा वृंदावन और बाहर से आए आचार्य, संत-महात्माओं के शिविरों में भी धार्मिक गतिविधियां लोगों को यहां आकर्षित कर रही हैं।
वृंदावन कुंभ का पहला शाही स्नान 27 फरवरी का है। इसके लिए माघ मेला में डेरा जमाए संत यहां 25 फरवरी के करीब वृंदावन पहुंचेंगे। इस दौरान प्रयागराज से वृंदावन पहुंचने वाले संतों की संख्या बहुत होगी। इसी के आसपास भीड़ के भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
गोडिया संप्रदाय के अनुयायी विदेशी कृष्ण भक्त वृंदावन कुंभ में आकर्षण का केंद्र बने हैं। बुधवार को आधा दर्जन से अधिक अनुयायियों ने विश्व हिंदू परिषद के शिविर के समक्ष हरिनाम संकीर्तन करते हुए लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया।
कुंभ मेला क्षेत्र के मुख्य द्वार महर्षि संत देवरहा बाबा द्वार से चंद कदम आगे मेला में प्रवेश करते ही विश्व हिंदू परिषद का शिविर स्थित है। इस शिविर के द्वार पर गोडिया संप्रदाय के विदेशी अनुयाइयों ने मृदंग, झांझ, मंजीरे, ढप-ढोल के साथ गूंज हरिनाम संकीर्तन किया।