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वाराणसी के रविदास जयंती पर पंजाब से इस बार श्रद्धालुओं को लेकर नहीं आयेगी बेगमपुरा एक्सप्रेस ।
वाराणसी। संत रविदास जयंती पर उनकी जन्मस्थली सीरगोवर्धन में तीन दिनी उत्सव पर इस बार कोरोना का साया रहेगा। श्रद्धालुओं को लेकर पंजाब से आने वाली विशेष ट्रेन बेगमपुरा एक्सप्रेस इस बार नहीं आयेगी। रविदासिया समाज के संत निरंजन दास व अन्य प्रमुख अनुयायी इस बार विमान या निजी वाहन से पहुंचेंगे। संत समाज की ओर से कोरोना व दिल्ली में किसानों के आंदोलन को देखते हुए कम से कम संख्या में आने की लोगों से अपील की गयी है। देश-विदेश से नहीं पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए रविदास मंदिर व पंडाल में होने वाले आयोजनों का प्रसारण ऑनलाइन किया जाएगा। इसका प्रसारण सोशल मीडिया और पंजाब के निजी चैनलों की मदद से किया जाएगा। मंदिर के ट्रस्टी केएल सरोए ने जिला प्रशासन को आयोजनों की रूपरेखा बताते हुए कार्यक्रम की अनुमति ली है।
संत शिरोमणि रविदास का 644वां जन्मोत्सव 25 से 27 फरवरी तक चलेगा। आयोजन को धूमधाम से मनाने की तैयारी है। कोरोना गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए पंडाल, भोजनालय, विश्रामालय, मंदिर सहित अन्य स्थलों पर उसी के हिसाब से व्यवस्था की जा रही है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार छोटा पंडाल लगाया जाएगा। संगत के रहने के लिए 20 पंडाल बन रहे हैं। पंजाब से लंगर पकाने के लिए चावल, गेहूं और आटा की खेप पहुंच चुकी है। ट्रस्टी केएल सरोए ने बताया कि इस साल स्पेशल ट्रेन नहीं आने से भीड़ कम होगी। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया जाएगा। पंडालों के बाहर सेनेटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। सेवादार एक चौथाई रहेंगे।
2019 में सीरगोवर्धन पहुंचे प्रधानमंत्री ने यहां 500 लोगों की क्षमता का सत्संग हाल का शिलान्यास किया था। जिसे 2020 में पूरा होना था। लेकिन अभी तक केवल 60 फीसदी ही काम पूरा हो पाया है। अगले हफ्ते हाल की छत की ढलाई के लिए बांस-बल्ली लगायी जा रही है। कोरोना के कारण इस बार आसपास के गेस्ट हाउस व होटलों के कमरों की बुकिंग केवल 20 फीसदी हुई। लॉज संचालक भी कोरोना गाइड लाइन के मद्देनजर श्रद्धालुओं की जांच-पड़ताल के बाद कमरे दे रहे हैं। इसके कारण आसपास के लोगों में काफी कम उत्साह है। जबकि हर बार अब तक कमरों की बुकिंग फुल होने लगती थी। दुकानें सजाने को लेकर भी सक्रियता नहीं दिख रही है।