Headlines
Loading...
Budget 2021: पेट्रोल-डीजल, शराब सहित इन वस्तुओं पर लगाया गया कृषि सेस, जानें- आम उपभोक्‍ता पर क्या पड़ेगा असर

Budget 2021: पेट्रोल-डीजल, शराब सहित इन वस्तुओं पर लगाया गया कृषि सेस, जानें- आम उपभोक्‍ता पर क्या पड़ेगा असर

नई दिल्ली । ‍वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट में डीजल- पेट्रोल, शराब सहित कई वस्तुओं पर कृषि सेस लगाने का फैसला किया है। पेट्रोल पर ढाई रुपये प्रति लीटर और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर कृषि सेस लगाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि इस सेस का उपभोक्‍ताओं को अतिरिक्‍त बोझ नहीं पड़ेगा। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि सेस (Imposition of Agriculture Infrastructure and Development Cess) को बढ़ाने के साथ ही बेसिक एक्‍साइज ड्यूटी और एडीशन एक्‍साइज ड्यूटी के रेट को कम कर दिया गया है। इसके कारण उपभोक्‍ता पर समग्र रूप से कृषि सेस का कोई अतिरिक्‍त भार नहीं पड़ेगा।



एम्पोर्टेड शराब पर सरकार ने 100 फीसद सेस लगा दिया है। इसे लगने के बाद शराब की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होगी। सरकार ने घोषणा की है कि नया एग्री इन्फ्रा डेवलपमेंट सेस कल से ही लागू हो जाएगा। इस हिसाब से कल से शराब पीना भी महंगा होगा, क्योंकि बजट में एल्कोहॉलिक बेवरेज पर 100 फीसद एग्री इन्फ्रा सेस लगाया है। शराब पर सौ फीसद सेस बढ़ने के बाद शराब की कीमतों में इजाफा होना तय है। अलग अलग राज्यों में शराब की कीमतों अलग है। शराब को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। ऐसे में विभिन्न राज्यों में शराब की कीमतों में लगने वाले टैक्स की दर से हिसाब से कीमतों में इजाफा होगा। 


कृषि क्षेत्र से जुड़े ढांचागत विकास के नाम पर केंद्र सरकार ने एक दर्जन आयातित उत्पादों के अलावा पेट्रोल, डीजल पर भी सेस (अधिभार) लगाने के जो उपाय किये हैं, उसको लेकर आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस शुरु हो सकती है। खास तौर पर भाजपा विरोधी राज्य इसे एक बड़े मुद्दे की तरह उठा सकते हैं क्योंकि इस कदम का असर राज्यों को केंद्र की तरफ से जो राजस्व हिस्सेदारी दी जाती है उसमें होगी। आम बजट 2021-22 पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल पर क्रमश 2.50 रुपये और चार रुपये प्रति लीटर की दर से एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (एआइडीसी) लगाने का फैसला किया है। राहत की बात यह है कि इन उत्पादों की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी क्योंकि इन पर लगने वाले सीमा शुल्क या उत्पाद शुल्क में उसी हिसाब से कटौती की गई है।


जिन आयातित उत्पादों पर अतिरिक्त टैक्स लगाने का फैसला किया गया है उनमें सोना, चांदी, अल्कोहलिक बेवरेजेज (शराब), क्रूड पाम आयल, क्रूड सोयाबीन व सनफ्लावर आयल, सेब, कोयला, लिग्नाइट, यूरिया व दूसरे उर्वरक, मटर, काबुली चना, काला चना, मसूर दाल और सोना है। आयातित शराब पर एआइडीसी की दर 100 फीसद तय की गई है जबकि सबसे कम कोयला व लिग्नाइट पर महज 1.5 फीसद की दर तय की गई है।