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गोरखपुर : चमोली त्रासदी का शिकार तीन मजदूरों के परिवार में छाया मातम , मंगलवार को पहुंचेगा शव

गोरखपुर : चमोली त्रासदी का शिकार तीन मजदूरों के परिवार में छाया मातम , मंगलवार को पहुंचेगा शव

गोरखपुर । उत्तराखंड में सात फरवरी को हुए हादसे में लापता गोरखपुर के चार लोगों में से तीन की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मौत की खबर आते ही उनके परिवारों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा और गांव में मातम पसर गया। लोग उनके घर जाकर हालचाल लेते रहे। पुरुष सदस्यों को तो मौत की सूचना दी गई थी लेकिन महिलाओं से यह बात छिपायी गई थी। हालांकि घर पर निरतंर आते-जाते लोगों के शांत चेहरे देखकर घर की महिलाओं का मन भी किसी अनहोनी की आशंका से भर गया। गांव के किसी व्यक्ति को देखते ही वे सुबक-सुबक कर रोने लगतीं। इस हादसे में जान गंवाने वालों के कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी।


जगतबेला क्षेत्र के गौरा खास गांव निवासी धनुषधारी सिंह एवं वेद प्रकाश सिंह का घर गांव में आमने-सामने ही है। लापता तीसरे युवक नागेंद्र सिंह धनुषधारी के करीबी रिश्तेदार हैं। तीनों एक साथ ओम मेटल कंपनी में काम करते थे। हादसे के दौरान ऋषि गंगा प्रोजेक्ट में टनल में काम कर रहे थे। तीनों के घर से उनके स्वजन उत्तराखंड उनकी तलाश में गए हैं। रविवार की दोपहर में उन्हेंं धनुषधारी एवं वेदप्रकाश का शव मिलने की सूचना मिली। उन्होंने शवों की पहचान भी कर ली। मौत की पुष्टि होते ही चक्रधारी ने गांव में फोन कर इस बात की सूचना रोते हुए वेदप्रकाश के चाचा दिग्विजय सिंह को सूचना दी। गांव के निवर्तमान प्रधान परमहंस दुबे को भी इस बात की जानकारी दी गई। घर के बड़े-बुजुर्गों ने मिलकर तय किया कि घर की महिलाओं को यह बात अभी नहीं बतायी जाएगी। पर, यह बात धीरे-धीरे पूरे गांव में फैल गई और लोग उनके घरी पर जुटने लगे।


लापता लोगों का शव मिलने के बाद वहां पोस्टमार्टम एवं डीएनए से लेकर अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। दोनों के शव सोमवार की देर रात तक या मंगलवार को घर लाए जाने की उम्मीद है।