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यूपीके मुरादाबाद के छजलैट बवाल में आरोपी आजम खां की मुश्किलें बढ़ीं पेश हुए दरोगा ने की घटना की पुष्टि।

यूपीके मुरादाबाद के छजलैट बवाल में आरोपी आजम खां की मुश्किलें बढ़ीं पेश हुए दरोगा ने की घटना की पुष्टि।



उत्तर प्रदेश। छजलैट बवाल की मुरादाबाद कोर्ट में तेजी से सुनवाई होने लगी है। गुरुवार को एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में दरोगा की पहली गवाही हुई। कोर्ट में चश्मदीद गवाह ने छजलैट घटना की पुष्टि की। कोर्ट में बवाल के आरोपी मुरादाबाद देहात के सपा विधायक हाजी इकराम कुरैशी, अमरोहा के महबूब अली समेत चार सपा विधायक और आरोपी दो सपाई नेता भी तलब हुए। इस केस में आरोपी सांसद आजम खां व अब्दुल्ला के पेश न होने से वीडियो कांफ्रेंसिग से सुनवाई हुई। केस में अब आठ फरवरी को सुनवाई होगी। जनवरी, 2008 को छजलैट थाना क्षेत्र में हुए बवाल में मंगलवार को एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में सांसद आजम खां व अब्दुल्ला पर आरोप तय हो गए थे। कोर्ट में आज फिर सुनवाई हुई। गुरुवार को प्रकरण में महबूब बनाम सरकार केस में साक्ष्य के लिए पहली सुनवाई शुरु हुई।
केस में आरोपी मुरादाबाद देहात के विधायक इकराम कुरैशी, अमरोहा के महबूब अली व बिजनौर जिले के नगीना से विधायक मनोज पारस व नहटौर के नईमुल हसन के अलावा सपा नेता पेश हुए। घटना के समय पुलिस दरोगा(अब निरीक्षक) महेन्द्र पाल कोर्ट में पेश हुए और बयान दिए। सरकार की ओर से गवाह ने अपने बयानों में घटना की पुष्टि की। कोर्ट में साक्ष्य पेश करने के दौरान बचाव पक्ष की ओर से जलालुद्दीन ने जिरह की। अधिवक्ता जलालुद्दीन का कहना है कि पूरी घटना राजनैतिक द्वेष से परिपूर्ण है। घटना के समय तमाम आरोपी शांतिपूर्ण तरीके से सड़क किनारे अपना विरोध जता रहे थे। जाम जैसी कोई बात नहीं हुई। स्पेशल कोर्ट में करीब एक घंटे तक प्रकरण में साक्ष्य व जिरह होती रहीं। कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से मोहनलाल विश्नोई व कौशल गुप्ता ने पक्ष रखा। इस केस में सांसद आजम खां व बेटा अब्दुल्ला भी आरोपी है। मंगलवार को दोनों पर कोर्ट में आरोप तय हो गए है। पर उनके पेश न होने पर केस की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई। आरेापी के बचाव पक्ष के अधिवक्ता के न होने से भी मामले में आगे जिरह न हो सकीं। अधिवक्ता जलालुद्दीन का कहना है कि कोर्ट में इस मामले में 8 फरवरी को सुनवाई होगी।