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UP : जनता की समस्याओं को नही सुन रहे अधिकारी , तो डायल करें ये नंबर , जल्द ही शिकायत का होगा निस्तारण
लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य के हर आम आदमी से सीधे जुड़ने और उसकी समस्या का त्वरित निस्तारण की मंशा के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल के तहत अब राज्य के हर जिले, कस्बे और गांव में थाना, तहसील तथा सभी सरकारी दफ्तरों के बाहर इस तरह का यह बोर्ड लगने लगा है। इस बोर्ड के जरिए मुख्यमंत्री ने जनता की हर समस्या का निदान करने संबंधी अपनी मंशा स्पष्ट की है।
मुख्यमंत्री चाहते हैं कि प्रदेश के किसी भी नागरिक को कोई समस्या हो तो वह बेझिझक अफसरों से शिकायत करे और यदि उसकी शिकायत का अधिकारी निस्तारण नहीं कर रहे हैं, तो बेझिझक होकर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर सम्पर्क करें। सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली सभी शिकायतों का निस्तारण कराया जाएगा और हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के आधार पर फील्ड क्षेत्र में तैनात अधिकारियों के प्रदर्शन का आकलन होगा। तहसीलदार हो या थानाध्यक्ष, अगर जनता इनके कार्यों से संतुष्ट नहीं है तो इनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
इसी सोच के तहत बीती 10 फरवरी को लोकभवन में उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी कार्यालयों के बाहर बोर्ड लगवाने का निर्देश दिया था।
तब उन्होंने यह भी कहा था, "थाना एवं तहसील स्तर पर जिस भी व्यक्ति की समस्या का निस्तारण नहीं हो सका है, तो वह व्यक्ति अपनी समस्या को लेकर सीएम हेल्पलाइन 1076 पर कभी भी संपर्क कर सकता है। हेल्पलाइन पर मिली ऐसी शिकायतों का तत्परता से निराकरण कराया जाएगा। थाना तथा तहसील स्तर पर जनता की शिकायत का निस्तारण कराने के लिए जिले के जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान और थानेदार को जवाबदेह बनाया जाएगा। सीएम हेल्पलाइन पर फर्जी शिकायत दर्ज करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई भी की जायेगी। इसके अलावा, अब थाना तथा तहसील स्तर पर निस्तारित हुई जनता की समस्याओं की रेटिंग भी की जायेगी, ताकि यह पता चल सके कि किस जिले में जनता की समस्याओं के निस्तारण में तेजी दिखाई जा रही है।"
चर्चा है कि जनता की शिकायतों का निस्तारण ठीक तरीके से ना होने संबंधी कई सूचनाओं की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता से मिलने वाली हर शिकायत के निस्तारण की व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने का फैसला किया था। जिसके क्रम में थाना, तहसील और सभी सरकारी कार्यालयों के बाहर बोर्ड लगवाने का निर्देश दिया गया था। अब यह बोर्ड सरकारी कार्यालयों के बाहर लगने लगने लगे हैं।