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 UP :  बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी करने से नहीं बच सकते अध्यापक , सीएमओ जारी करेंगे स्वास्थ्य परीक्षण रिपोर्ट.

UP : बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी करने से नहीं बच सकते अध्यापक , सीएमओ जारी करेंगे स्वास्थ्य परीक्षण रिपोर्ट.

लखनऊ । प्रदेेश भर के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के लिए यह खबर काफी अहम है। यदि वे चिकित्सीय अवकाश लेकर यूपी बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी से बचना चाहते हैं तो सावधान हो जाएं। इस बार उनका चिकित्सीय परीक्षण जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारी की ओर से कराया जाएगा। जांच में अस्वस्थ मिलने पर ही ड्यूटी से मुक्त हो सकेंगे, वरना ड्यूटी तो करनी ही होगी, गलत आवेदन करने पर कार्रवाई भी हो सकती है। 

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2021 की परीक्षाएं 24 अप्रैल से 12 मई तक चलेंगी। यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने प्रदेश के जिला विद्यालय निरीक्षकों, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों व बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ ही बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि पिछले वर्ष की बोर्ड परीक्षाओं में यह देखा गया है कि कई प्रधानाचार्य व अध्यापक, केंद्र व्यवस्थापक व कक्ष निरीक्षक का कार्य नहीं करना चाहते हैं, वे अस्वस्थता प्रमाणपत्र देकर चिकित्सीय अवकाश प्राप्त कर लेते हैं। जिससे जिला विद्यालय निरीक्षकों को परीक्षा केंद्रों पर केंद्र व्यवस्थापक व कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति में कठिनाई होती है। 

यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने आदेश दिया है कि परीक्षा के सफल संचालन के लिए यह निर्णय लिया गया है कि परीक्षा शुरू होने से पहले जो प्रधानाचार्य, अध्यापक चिकित्सीय अवकाश के लिए आवेदन करें, उनका जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी के पास अस्वस्थता की पुष्टि कराने व चिकित्सा आवेदन पत्र को प्रति हस्ताक्षरित कराने के लिए भेजा जाए। सीएमओ की ओर से दिए गए प्रमाणपत्र के आधार पर ही चिकित्सीय अवकाश मान्य होगा। यह भी निर्देश है कि सभी जिलों में परीक्षा शुरू होने से पहले चिकित्सीय अवकाश पर जाने वाले शिक्षकों की जांच की संस्तुति करने से पहले उनका परीक्षण कराने की व्यवस्था की जाए, ताकि परीक्षा में बाधा न उत्पन्न हो।

बता दें कि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2021 की परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू हो रही हैं। पहली बार ये इम्तिहान महज 15 दिन में ही पूरा होगा। बोर्ड इससे कम अवधि कर भी नहीं सकता, क्योंकि इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए इतने दिन जरूरी हैं। परीक्षाओं का समय घटाने की पहल 2020 में हुई थी लेकिन, अमल इस साल होने जा रहा है। इसके पहले बोर्ड की परीक्षाएं करीब एक माह या फिर उससे अधिक समय तक चलती थी। यूपी बोर्ड के परीक्षा कार्यक्रम में हाईस्कूल की परीक्षाएं 10 मई और इंटरमीडिएट की 12 मई को खत्म होंगी।