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UP : योगी का 'सलाहकार' बन इस शख्स ने खेला ऐसा 'खेल', पुलिस ने भेजा जेल
रायबरेली: पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार के कैंप कार्यालय में एक लैंडलाइन फोन पर एक कॉल आती है. कॉल रिसीव करते ही दूसरी तरफ से एक शख्स मुख्यमंत्री के सलाहकार से बात करने को कहता है. उसके बाद उसी नंबर से दोबारा कॉल आती है और बोलने वाला शख्स खुद को मुख्यमंत्री का सलाहकार बताता है और एक शिकायत पर कार्रवाई की बात कहता है. उसकी शिकायत पर पुलिस कार्रवाई करती है. लेकिन सीएम का कथित सलाहाकार रौब दिखाकर दोबारा से बिना किसी वजह के अनर्गल कार्रवाई करने का दबाव बनाता है. जिसे सुनकर पुलिस भी चौंक जाती है.
पुलिस अधीक्षक के पीआरओ रवींद्र सोनकर की शिकायत पर मामले की पड़ताल शुरू हुई. पुलिस अधीक्षक ने सर्विलांस टीम और स्वाट टीम के साथ ही कोतवाली पुलिस को इस मामले में छानबीन के लिए लगाया. पुलिस की जांच में जो मामला खुलकर सामने आया उससे सभी दंग रह गए. दरअसल, खुद को मुख्यमंत्री का कथित सलाहकार बताने वाले की बहन रायबरेली में रहती है जिसका कोई प्रकरण था, उसी संबंध में कार्रवाई कराने के लिए वह अपने साथी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री का फर्जी सलाहकार बन गया और पुलिस पर धौंस जमाकर अनुचित दबाव बनाने लगा.
सीएम ऑफिस से जानकारी लेने पर खुली पोल
शक होने पर पुलिस ने जब मुख्यमंत्री कार्यालय से जानकारी ली तो मुख्यमंत्री का सलाहकार बताने वाले की पोल खुली. पता चला कि सीएम ऑफिस में इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं था. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है. वहीं, उसका साथी अभी भी फरार है.
मुख्यमंत्री के फर्जी सलाहकार की गिरफ्तारी के मामले में सबसे बड़ी बात यह सामने आई कि फोन पर बात कर अपने को मुख्यमंत्री का सलाहकार बताने वाले शख्स ने जिस नम्बर से फोन किया वह नंबर पुलिस विभाग को जारी सीयूजी नम्बर की सीरीज है. जिसकी वजह से पुलिस महकमा दबाव में आ गया. पुलिस सीयूजी नम्बर की सीरीज वाला फोन कैसे किसी सामान्य व्यक्ति को मिल गया. इस सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सीयूजी नंबर बीएसएनएल कंपनी एलॉट करती है. इन नंबरों में एक सीमा के बाद उसी सीरीज पर सामान्य लोगों को भी नम्बर उपलब्ध हैं. जिसका फायदा इस शख्स ने उठाया.